उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर तीखा हमला बोला। महाकुंभ को लेकर उन्होंने कहा, “आप इस पर सवाल नहीं उठा सकते, आप शासन पर सवाल उठाएं।” उन्होंने विशेष रूप से अखिलेश यादव का नाम लेते हुए कहा कि पहले सपा ने कुंभ के आयोजन पर सवाल उठाए थे, लेकिन जब उन्होंने संगम पर भीड़ देखी तो आयोजन की तारीख बढ़ाने की मांग की। सीएम ने सपा नेताओं के दोहरे चरित्र की आलोचना करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग हमेशा विरोध में रहते हैं, लेकिन खुद वही चीजें स्वीकार करते हैं।
शिवपाल यादव का मिल्कीपुर उपचुनाव में समर्थन
सीएम योगी ने मिल्कीपुर उपचुनाव का जिक्र करते हुए शिवपाल यादव के सहयोग को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “चचा शिवपाल यादव का धन्यवाद, जिन्होंने मिल्कीपुर उपचुनाव में हमारे साथ सहयोग किया।” इससे यह स्पष्ट होता है कि सीएम योगी और शिवपाल यादव के बीच राजनीतिक रिश्ते में सुधार हो रहा है, जो पहले से अपेक्षाकृत तनावपूर्ण थे।
विपक्ष पर तीखा हमला
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, “संक्रमित व्यक्ति का उपचार हो सकता है, लेकिन संक्रमित सोच का इलाज संभव नहीं है। यह सोच अपने आप ही कुंठित रहती है।” उन्होंने यह भी सवाल किया कि क्या सनातन धर्म के आयोजन को भव्य तरीके से आयोजित करना अपराध है? अगर ऐसा अपराध है, तो हमारी सरकार इसे करती रहेगी।
कोविड-19 और विपक्ष की आलोचना
सीएम योगी ने विपक्ष के दोगले रवैये पर भी निशाना साधा, खासकर कोविड-19 के दौरान। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने महामारी के दौरान सरकार का मजाक उड़ाया और वैक्सीनेशन को भाजपा की वैक्सीन कहकर उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए थे। अब कुंभ आयोजन के विरोध पर उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की मजबूरी है।
उत्तर प्रदेश की छवि में बदलाव का दावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले यूपी के लोग पहचान संकट से जूझ रहे थे, लेकिन पिछले आठ वर्षों में राज्य की छवि पूरी तरह से बदल चुकी है। अब यूपी के लोग गर्व महसूस करते हैं और उन्हें सम्मान मिलता है। सीएम योगी ने यह भी कहा कि 5,000 साल पहले ही महाकुंभ का जिक्र पुराणों में था, और विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि सभी सदस्यों को कुंभ में आस्था की डुबकी लगाने का अवसर दिया जाना चाहिए।