कोडीन कांड: विधानसभा में CM योगी बोले- HC में सरकार की जीत, अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी की दलीलों का असर

उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सोमवार को कोडीन कफ सिरप मामले को लेकर जोरदार बहस देखने को मिली। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष के सवालों का करारा जवाब देते हुए कहा कि इस पूरे मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार इस मामले को कोर्ट में जीती है, उत्तर प्रदेश ने इस मामले को कोर्ट में लड़ा है। इस पूरे मामले में योगी सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने लगातार 4 दिनों तक प्रभावी बहस की। उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष देश के विभिन्न हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश प्रस्तुत किए, जिनमें कोडीनयुक्त सिरप के मामलों में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई को सही ठहराया गया है।

सिरप की आड़ में नशे का अवैध कारोबार

सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने कोर्ट को यह भी बताया गया कि कफ सिरप की आड़ में नशे का अवैध कारोबार किया जा रहा है, जिसका समाज और विशेषकर युवाओं पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी ने दलील दी कि यदि ऐसे मामलों में एनडीपीएस एक्ट जैसी सख्त धाराएं लागू नहीं की जातीं, तो नशे के संगठित नेटवर्क को तोड़ना कठिन हो जाएगा।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने आदेश में एफएसडीए (फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन), पुलिस और एसटीएफ द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों को महत्वपूर्ण माना। कोर्ट के समक्ष यह तथ्य भी रखा गया कि कई मामलों में कफ सिरप की मात्रा, भंडारण का तरीका और वितरण की प्रक्रिया एनडीपीएस नियमों का स्पष्ट उल्लंघन करती पाई गई।

इन तथ्यों के आधार पर हाईकोर्ट ने वाराणसी, गाजियाबाद, जौनपुर, कानपुर नगर, बस्ती, सोनभद्र और बदायूं जिलों से जुड़े कुल 22 रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में आरोपियों ने गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए अरेस्ट स्टे की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।

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कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि यदि कोडीनयुक्त कफ सिरप का भंडारण, वितरण या उपयोग अवैध तरीके से, बिना वैध लाइसेंस या निर्धारित मानकों के बाहर किया जाता है, तो वह एनडीपीएस एक्ट के दायरे में आता है और उस पर सख्त कार्रवाई पूरी तरह कानूनी है।

हाईकोर्ट द्वारा जिन आरोपियों की रिट याचिकाएं खारिज की गई हैं, उनमें अभिषेक शर्मा, विनोद अग्रवाल, प्रतीक मिश्रा व अन्य, विशाल कुमार जायसवाल व अन्य, भोला प्रसाद, नीरज सेठ व अन्य, शुभम जायसवाल, पप्पन यादव, मो. सलमान अंसारी, अनुप्रिया सिंह, अंकित कुमार श्रीवास्तव, दिलीप कुमार उमर, मेसर्स मिलन ड्रग सेंटर सहित अन्य, मंजू शर्मा व अन्य, आसिफ मोहम्मद, अरुण सोनकर (सही नाम अर्जुन सोनकर), खुशबू गोयल, धर्मेंद्र कुमार अग्रवाल, अक्षत यादव और अजित यादव शामिल हैं। इस फैसले के बाद सभी मामलों में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया है।

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