उत्तर प्रदेश में शराब और भांग की फुटकर दुकानों के लिए आवेदन प्रक्रिया में जबरदस्त प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। आबकारी विभाग ने अब तक प्रोसेसिंग फीस के रूप में 424 करोड़ रुपये की आय प्राप्त की है। विभाग को उम्मीद है कि आगामी दिनों में यह राशि और बढ़ सकती है।
लाइसेंस प्राप्ति के लिए कारोबारियों का उत्साह
प्रदेशभर में देशी शराब, कंपोजिट शॉप, मॉडल शॉप और भांग की दुकानों के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के लिए हजारों कारोबारी पंजीकरण करवा चुके हैं। 27 फरवरी शाम 5 बजे तक आवेदन प्रक्रिया जारी रहेगी, और बड़ी संख्या में कारोबारियों ने इसमें भाग लिया है, जिससे प्रतिस्पर्धा और बढ़ गई है।
लाइसेंस प्रक्रिया में नया जोश
नए कारोबारी भी मैदान में विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार शराब और भांग के लाइसेंस के लिए प्रतिस्पर्धा पहले से अधिक उत्साही दिखाई दे रही है। नए कारोबारियों का भी शामिल होना इस प्रक्रिया को और जटिल बना रहा है। विभिन्न जिलों में लाइसेंस प्राप्त करने के लिए होड़ मची हुई है।
Also Read – AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को कोर्ट से राहत,अग्रिम जमानत पर मिली मंजूरी
राजस्व में वृद्धि की संभावना
आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शराब और भांग की दुकानों से प्रदेश सरकार के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान होता है। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अधिक आवेदन मिलने के कारण राजस्व में बढ़ोतरी की संभावना है।
आखिरी तारीख के नजदीक
आवेदन की रफ्तार बढ़ने की संभावना जैसे-जैसे 27 फरवरी की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है, आवेदन की गति और तेज हो सकती है। उम्मीद है कि प्रोसेसिंग फीस से मिलने वाली राशि 500 करोड़ तक पहुंच सकती है। विभाग ने सभी इच्छुक कारोबारियों से अपील की है कि वे समय पर आवेदन करें ताकि वे इस प्रक्रिया में शामिल हो सकें।