पुलवामा हमले में शहीद हुए हुए जवानों को देश में हर कोई अपने तरीके से श्रद्धांजलि दे रहा है. ऐसे में अररिया बिहार जिले के सुल्तान पोखर मंदिर में शुक्रवार को दो मुस्लिम कांग्रेसी नेताओं ने अपने धर्म से ऊपर उठकर जो किया उसे देखकर हर कोई इन्हें सलाम कर रहा है. इन कांग्रेसी नेताओं ने हमले के 9वें दिन सिर मुंडवाकर जवानों को जल अर्पित कर उन्हें नमन कर श्रद्धांजलि दी जिसके बाद से ही हर तरफ इनकी चर्चा हो रही है.
सिर मुंडवाने वाले मुस्लिम नेता में प्रदेश महासचिव इरशाद सिद्दिकी व जाहिद सिद्दीकी का कहना है कि, भाजपा कभी ‘भारत माता की जय’ तो कभी ‘वंदे मातरम’ के नाम पर भारत के मुस्लिम को निशाना बनाती है. और खुद को राष्ट्रवादी घोषित करने वाले ये लोग हमेशा मुस्लिम समुदाय से राष्ट्रभक्ति का सबूत मांगते है.
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उन्हें देशभक्ति साबित करने की कोई जरूरत नहीं. जिला अध्यक्ष करण कुमार पप्पू ने इस बारें में बात करते हुए कहा कि, जो जवान शहीद हुए वह किसी न किसी किसान परिवार के बेटे और भाई थे इस नाते वह हमारे भी भाई हुए और भाई की शहादत पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए मुंडन संस्कार करवाया गया.
न वो हिंदू है न मुस्लिम
मुस्लिम नेताओं के हिन्दू रीति-रिवाज से सिर मुंडन वाली श्रद्धांजलि को लोग सराहनीय व सेना को सच्ची श्रद्धांजलि कहते हुए इनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं तो कई मुस्लिम समुदाय के लोग इस तरीके को पॉलिटिकल स्टंट बता रहे हैं. इस बारें में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों का कहना है कि शरीयत में कही ऐसा नहीं है कि किसी के मृत्यु या शहीद होने पर 9वें दिन नाखून-बाल कटवा सिर मुंडन करवाया जाये. गर कोई मुस्लिम ऐसा करता है तो उसे मुनाफिक (न वो हिंदू है न मुस्लिम) कहा जा सकता है.
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