यूपी में सिपाही की संदिग्ध अवस्था में निधन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मामला उन्नाव जिले का है, जहां एक सिपाही का शव उसके कमरे में संदिग्ध हालात में बरामद हुआ। खबर मिलते ही पुलिस टीम वहां पहुंची और जांच शुरू कर दी। खबरों की मानें तो सिपाही की मौत हृदय गति रुकने से हुई है। एएसपी शशि शेखर सिंह ने बताया कि पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। हाल ही में सिपाही ने विधायक से सिफारिश लगवाकर अपना तबादला तक रुकवाया था।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, प्रतापगढ़ के थाना अंतू के गांव सिसिस्ताबाद के मूल निवासी विनोद कुमार सिंह (56) सिपाही थे। वह तीन साल से मौरावां थाने में गाड़ी चला रहे थे। सोमवार दोपहर थानाध्यक्ष अमरनाथ सिंह ने विनोद को बुलाने के लिए पुलिस कर्मी को भेजा तो कमरे का दरवाजा बंद था। काफी देर तक आवाज देने पर भी विनोद ने कोई उत्तर नहीं दिया। फोन रिसीव नहीं हुआ। थाना प्रभारी ने उच्चाधिकारियों को सूचना दी।
सीओ पुरवा पंकज सिंह और फील्ड यूनिट टीम मौके पर पहुंची। दरवाजा तोड़ा तो विनोद का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। घटना की जानकारी परिजनों को दी गई। पत्नी मंजू सिंह व दो बेटे आयुष और रोहित सिंह मौरावां थाने पहुंचे। क्षेत्रीय विधायक अनिल सिंह ने सीओ से जानकारी ली। हृदय गति रुकने की आशंका है। फिलहाल सिपाही की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।
विधायक से रूकवाया था तबादला
वहीं जिले के विधायक ने बताया कि दो दिन पहले सिपाही विनोद का ट्रांसफर असोहा थाने हो गया था। जिसके बाद सिपाही ने विधायक से सिफारिश करके एसपी से कहकर तबादला रुकवाया था। वहीं थानाध्यक्ष अमरनाथ सिंह ने भी पुलिस अधीक्षक को सिपाही का तबादला न करने का प्रार्थना पत्र भेजा था। जिसके बाद जाकर सिपाही का तबादला रूका।