यूपी: ‘बेवजह कोतवाल करते हैं टारगेट, मानसिक तनाव से गुजर रहा’, कहकर सिपाही ने SP को सौंपा इस्तीफा

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग अक्सर ही विवादों में रहता है। ताजा मामला जालौन के उरई का है, जहां तैनात एक सिपाही ने अपने कोतवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए एसपी को अपना इस्तीफा दे दिया। सिपाही का आरोप है कि कोतवाल उसे टारगेट करते हैं, बिना गलती की भी उसे सजा मिलती रहती है। इसी के चलते अब वो पुलिस विभाग छोड़कर प्राइवेट नौकरी करने के इच्छुक हैं। मामला संज्ञान में आते ही अफसरों ने जांच शुरू का दी है। वहीं कोतवाल ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।


ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, जालौन के उरई में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात सिलाई अरविंद किशोर गोस्वामी ने कोतवाल विनोद पांडे पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया। सिपाही ने अपने इस्तीफे में लिखा कि कोतवाल उसे लगातार प्रताड़ित कर रहे हैं। एक बिना किसी गलती के उसे टारगेट करते हुए पांच बार रपट भी लिख चुके हैं और फर्जी गोपनीय रिपोर्ट भी भेज चुके हैं । उसने अपने साथ हो रही ज्यादती की शिकायत उच्चाधिकारियों से भी की, लेकिन उसे कोई न्याय नहीं मिला है। शहर कोतवाल विनोद कुमार पांडेय की प्रताड़ना से परेशान होकर वह नौकरी से त्यागपत्र दे रहा है। उसने कहा कि वह अकेला नहीं है जो कोतवाल के रवैये से परेशान है। कुछ सब इंस्पेक्टर कोतवाल से परेशान होकर अपना स्थानांतरण करा के अन्य थानों में पोस्टिंग करा चुके हैं, अनुशासन की वजह से कोई मुखर विरोध नहीं कर सका।


आगे कंप्यूटर ऑपरेटर अरविंद किशोर ने बताया कि वर्ष 2019 में लोक सभा चुनाव में वह चुनाव सेल में तैनात था। वर्तमान शहर कोतवाल विनोद कुमार पांडेय तब चुनाव सेल के प्रभारी थे। उसी दौरान किसी बात को लेकर प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार पांडेय से कहा सुनी हो गयी। तभी से वे उसे टारगेट किए हुए हैं। शहर कोतवाल बनने के बाद वे उसी बात को लेकर उसे परेशान करने लगे। निष्ठा से काम करने के बावजूद द्वारा उनको परेशान किया गया।


प्राइवेट नौकरी करने को तैयार

बता दें कि अरविंद किशोर वर्ष 2014 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ। उसकी पहली पोस्टिंग प्रयागराज में हुई। वर्ष 2018 में जालौन स्थानांतरित हुआ। निजी कारण बताकर उसने अधिकारियों से अपना स्थानांतरण कहीं और करने की गुजारिश की, परंतु अधिकारियों ने उसकी बात नहीं सुनी। जिसकी वजह से वह त्याग पत्र देने को विवश हुआ। अपने गुजारे के लिए वह प्राइवेट नौकरी करेगा। हालांकि मामले में कोतवाल ने अभी आरोपों को खारिज किया है। वहीं अफसरों ने जांच के आदेश दिए हैं।


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