उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में यूपी पुलिस के सिपाही से मारपीट का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि पीड़ित सिपाही क्रिश्चियन तिराहे पर ट्रैफिक ड्यूटी में तैनात था तभी आबकारी निरीक्षक की गाड़ी को उसने चेकिंग के लिए रोका था। लेकिन आबकारी निरीक्षक की गाड़ी को रोकना सिपाही को महंगा पड़ गया और उसकी जान पर बन आई।
बहादुरी के लिए डीजीपी ने किया था सिपाही को सम्मानित
मिली जानकारी के मुताबिक, पीड़ित सिपाही जितेंद्र चौहान राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुने गए हैं। लेकिन आबकारी निरीक्षक ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर उन्हें बुरी तरह पीटा है, जिसकी वजह से उनके सिर में गंभीर चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि आबकारी निरीक्षक की गाड़ी की चेकिंग के लिए रोकने पर आरोपी के गुर्गों ने सिपाही को जमकर पीटा। यही नहीं सिपाही जितेंद्र चौहान पर धारदार हथियार से हमला कर उनका सिर फोड़ दिया गया।
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सूत्रों ने बताया है कि आरोपी आबकारी निरीक्षकग के गुर्गों ने सिपाही की रायफल छीनकर उसे जान से मारने की कोशिश तक की है। हालांकि, घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने सिपाही को आबकारी निरीक्षक और उसके गुर्गों से बचाया लिया। इस दौरान पुलिस ने आरोपी आबकारी निरीक्षक और उसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी आबकारी निरीक्षक ने खुद की पोस्टिंग महाराष्ट्र के पुणे में बताई है।
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डीजीपी ने किया है सम्मानित
जानकारी के मुताबिक, पीड़ित सिपाही जितेंद्र चौहान को बहादुरी के लिए डीजीपी ने सम्मानित भी किया है। यही नहीं सिपाही का नाम राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए चुना गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
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