इन दिनों यूपी और दिल्ली पुलिस को एक ऐसे कुख्यात गैंगस्टर की तलाश है जो कभी जनप्रतिनिधि भी रह चुका है. सफेदपोश बनकर उसने अपने जुर्म को छिपाने की कोशिश की लेकिन ऐसा हो ना सका. वह कई बार पुलिस की आँख में धुल झोंक चुका है. दिल्ली और पश्चिमी यूपी के कई इलाकों में उसका आतंक है. बात जुर्म की दुनिया में ‘मामा’ के नाम से कुख्यात गैंगस्टर रामबीर शौकीन की हो रही है.
रामबीर शौकीन को जुर्म की दुनिया में ‘मामा’ कहे जाने के पीछे एक कहानी भी है. दरअसल रामबीर दिल्ली के एक और बड़े गैंगस्टर नीरज बवानिया का रिश्ते में मामा लगता है. इसीलिए उसे गुनाहों की दुनिया में ‘मामा’ कहा जाता है.
साल 2018 में रामबीर शौकीन उत्तर प्रदेश की बागपत जेल में था. लेकिन रामबीर का रसूख इतना था कि वो जेल में कैद होते हुए भी अपने भांजे नीरज बवाना के लिए काम करता था. इसी साल सितंबर के महीने में रामबीर शौकीन पेशी के लिए दिल्ली आया था. लेकिन सफरदरजंग अस्पताल में मेडिकल कराने के दौरान रामबीर पुलिस की गिरफ्त से भाग गया. पुलिस के कब्जे से रामबीर के भागने के पीछे एक और थ्योरी यह भी दी जाती है कि पेशी के लिए आया रामबीर अपने घर गया था और फिर वहां से वो फरार हो गया.
बहरहाल पुलिस अब रामबीर की शिद्दत से तलाश कर रही है. उत्तर प्रदेश के कई जिलों और दिल्ली में रामबीर शौकीन का सिक्का चलता है. कहा जाता है कि मोस्टवांटेड ‘मामा’ के लिए बड़े से बड़ा संगीन जुर्म कराना बाएं हाथ का खेल रहा है. कभी रामबीर शौकीन की पहचान एक सफेदपोश के तौर पर भी रही है. एक वक्त रामबीर देश की एक बड़ी पार्टी के लिए काम करता था. साल 2013 में दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में रामबीर शौकीन दिल्ली के मुंडका विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा और इस चुनाव में वो निर्दलीय विधायक भी चुना गया.
इतना ही नहीं उसने आम आदमी पार्टी की 49 दिन की सरकार को अपना समर्थन भी दिया था. साल 2014 में यूपी के मुजफ्फरनगर के कुख्यात भूरा को पेशी के दौरान पुलिस की गिरफ्त से भगाने के आरोप में रामबीर शौकीन की पुलिस को तलाश है. ऐसी आशंका है कि पुलिस के डर से वो नेपाल में छिपा हो सकता है.
रामबीर शौकीन पर अपने भांजे नीरज बवाना के साथ अपराध में साथ देने, गैंगस्टर अमित भूरा को फरार कराने और एके-47 छिपाने में का आरोप है. नीरज बवानिया ने 2014 में बागपत में पुलिस के जवानों से दो एके-47 लूटकर गैंगस्टर अमित भूरा को रिहा कराया था. नीरज बवानिया की निशानदेही पर इनमें से एक राइफल रामबीर के बवाना स्थित प्लॉट से बरामद की गई थी.
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