उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून लाई है, जिसके तहत अगर दबाव, धोखे, लालच, या केवल शादी के लिए लड़की का धर्म बदलवाया तो 10 साल तक की सजा हो सकती है. लव जिहाद (Love Jihad) विरोधी कानून का खौफ अब प्रदेश में दिखने लगा है. बरेली के उलेमाओं ने लव जिहाद को लेकर फतवा जारी किया है, जिसमें मुस्लिम कौम से अपील की गई है कि वे गैर धर्म की लड़की का धर्मांतरण न कराएं. फतवे में ऐसे काम को नाजायज बताया गया है.
दरअसल, राष्ट्रीय सुन्नी उलमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना इंतेजार अहमद कादरी ने मरकजे दारूल इफ्ता के मुफ्तियों से लव जिहाद के संबंध में सवाल पूछा तो रजवी दारुल इफ्ता के अध्यक्ष मुफ्ती मुतीबुर्रहमान रजवी ने फतवा जारी कर दिया. फतवे की तस्दीक मौलाना अर्स्सलान खां अजहरी ने की है. दोनों ने इस पर शरीयत हुक्म पर रोशनी डाली है. फतवे पर मुफ्ती मुतीबुर्रहमान रजवी और मौलाना अर्स्सलान खां के हस्ताक्षर हैं.
लव जिहाद पर मौलाना इंतेजार अहमद कादरी ने कहा कि कि दूसरे धर्म की तो छोड़िए, अपने धर्म में भी ऐसी शादी की अनुमति नहीं है. न ही हमारा संविधान और कानून इसकी इजाजत देता है. दूसरा-इस्लाम में लव जिहाद के लिए कोई स्थान नहीं है. ये सामाजिक बुराई है, जो पश्चिमी सभ्यता से फैली है. इस पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी है कि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार, शिक्षा दें, उन्हें समाज के बारे में समझाएं और सिखाएं. ताकि जो समाज में जो बेहयाई फैली है, वो दूर हो सके.
बता दें कि लव जिहाद विरोधी कानून बनने के बाद बरेली से पहला मामला सामने आया था, देवरनिया थाने में एक छात्रा ने धर्म परिवर्तन का दबाव बनाए जाने के संबंध में मामला दर्ज कराया था. इसके बाद उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 3/5 की धारा में FIR दर्ज कर आरोपी उवैस को गिरफ्तार किया था. इसके बाद एक और मामला बरेली से ही आया था, उसमे उत्तर प्रदेश धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज कर आरोपी ताहिर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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