राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में एप्पल कंपनी के एरिया सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या के मामले में कोर्ट ने आरोपी बर्खास्त सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप कुमार पर हत्या का आरोप तय कर दिया है। कोर्ट ने गवाही के लिए चार अप्रैल की तारीख तय की है। वहीं, दूसरी तरफ जमानत पर छूटे बर्खास्त सिपाही संदीप कुमार को कोर्ट ने फिर से जेल भेज दिया है।
एडीजे संजय शंकर पांडेय की अदालत में शुक्रवार को विवेक की हत्या के आरोप में जेल में बंद बर्खास्त सिपाही प्रशांत चौधरी को पेश किया गया। साथ ही जमानत पर छूटे दूसरे आरोपी सिपाही संदीप कुमार अपने वकील के साथ कोर्ट में हाजिर हुआ। संदीप कुमार को एसआईटी ने अपनी जांच में विवेक की हत्या के आरोप से क्लीन चिट देते हुए उसे सिर्फ मारपीट का दोषी माना था।
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बता दें कि एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही संदीप को जमानत मिल गई थी। हालांकि, विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी ने एसआईटी की रिपोर्ट को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की जिसे संज्ञान में लेते हुए कोर्ट ने संदीप को भी हत्या का बराबर दोषी मानते हुए उसे 22 मार्च तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था। नियत तिथि से दो दिन पहले ही संदीप अपने वकील के साथ कोर्ट में हाजिर हो गया। उसने हाईकोर्ट में अर्जी लगाने के लिए कोर्ट से दो सप्ताह का वक्त मांगते हुए याचिका दी।
सिपाही संदीप को हत्या का आरोपी मानने की ये है वजह
कोर्ट ने संदीप की याचिका को खारिज करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में लेने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि विधिक प्रावधानों के तहत आरोपी हाईकोर्ट में अर्जी देने के लिए स्वतंत्र है। इसके लिए अलग से समय दिए जाने का कोई औचित्य नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने दोनों बर्खास्त सिपाहियों को जेल भेज दिया।
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घटना की एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी गवाह के बयान से साफ था कि संदीप और प्रशांत गुस्से में चिल्लाते हुए गलत दिशा से आए। आरोपी संदीप ने विवेक तिवारी की कार के बोनट पर डंडा मारा और उसी डंडे से कार में बैठी विवेक की पूर्व सहकर्मी को मारा।
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कोर्ट ने कहा कि विवेचना में एकत्र किए गए सुबूतों से पता चलता है कि संदीप ने विवेक तिवारी की हत्या को आसान बनाने के लिए प्रशांत चौधरी की सामान्य आशय से सहायता की। वहीं, संदीप के इस कृत्य के परिणाम में हुई विवेक की हत्या के वक्त वह घटनास्थल पर ही मौजूद था लिहाजा उसके खिलाफ हत्या का मामला चलाने का पर्याप्त आधार है।
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