एससी-एसटी एक्ट के दुरुपयोग की अक्सर खबरे आती हैं. ग्रामीण इलाकों में विरोधियों को फंसाने के लिए यह क़ानून हथियार बन चुका है. ताजा मामला यूपी के मैनपुरी से आ रहा है. जहाँ एक अनुसूचित जाति के युवक ने अपने सवर्ण विरोधी को फंसाने के लिए आम्बेडकर की प्रतिमा को तोड़ डाला. इस पूरी घटना को अनुसूचित जाति के लोगों ने ही अपनी आखों से देख लिया इसलिए यह मामला खुलकर सबके सामने आ गया. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
जानें पूरा मामला
यह पूरा मामला मैनपुरी जिले के थाना कुरावली के गांव राजलपुर का है. जहाँ रहने वाला दिनेश जाटव उप्रद्वी प्रवत्ति का बताया जा रहा है. शनिवार रात को करीब 9 बजे वो अपने ही गाँव रामचरन जाटव के साथ तेजी से गाली-गलौज कर रहा रहा इसी बीच उसी गाँव का सत्यपाल(सवर्ण जाति) वहां आ गया. सत्यपाल ने दिनेश जाटव को हंगामा और शोर-शराबा करने से मना किया. इससे दिनेश चिढ़ गया और सत्यपाल को एससी एसटी एक्ट के केस में फंसाने की बात कही.
घटना के कुछ ही देर बाद गाँव में आम्बेडकर प्रतिमा टूटी हुई मिली. ग्रामीणों ने प्रतिमा का सिर टूटा हुए पाया और यह बात तेजी से पुरे गाँव में फ़ैल गयी. इसी दौरान दिनेश जाटव अचानक वहां पहुंचा और सत्यपाल पर मूर्ति तोड़ने का आरोप लगाने लगा, खुद अपनी आँखों के सामने सत्यपाल को मूर्ति तोड़ते हुए देखने की बात कहने लगा.
ग्रामीणों की सूचना पर वहां पुलिस भी पहुंच गई. इस बीच अनुसूचित जाति के ही कुछ लोगों ने पुलिस को दिनेश के विवाद के बारे में बताया. वहीं कुछ लोगों ने बताया कि उन्होंने दिनेश जाटव को प्रतिमा तोड़ते देखा है. इसके बाद रामचरन जाटव ने दिनेश के खिलाफ प्रतिमा तोड़ने का मुकदमा दर्ज कराया. रविवार को पुलिस ने दिनेश को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में इंस्पेक्टर कुरावली ओमहरि बाजपेई ने बताया कि प्रतिमा की मरम्मत करा दी गई है. आरोपित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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