उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में आवारा पशुओं ने काफी तबाही मचाकर रखी है. जिसके चलते पूरा हाथरस काफी परेशान है. पुलिस द्वारा गौरक्षकों के खिलाफ मुकदमे लगाने को लेकर नया बवाल खड़ा हो गया है. हाथरस से अपने सहयोगियों के साथ आये सवर्ण परिषद के प्रचारक पंकज धरवैया द्वारा एक मीटिंग का आयोजन किया गया था, जिसमें पंकज धरवैया एक विवादित बयान दे बैठे. सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा- ‘पुलिसवालों ने अगर गौरक्षकों के खिलाफ किए मुकदमें वापस नहीं लिए तो पूरा अलीगढ़ जलेगा‘. सवर्ण परिषद ने राजनीति और प्रशासनिक दबाव में आकर ये सब किया है. लेकिन परिषद ने इससे साफ इंकार किया है. आपको बता दें कि हाथरस में पहले यह मीटिंग कोतवाली इगलास में स्थित बरेली फर्नीचर हाउस पर रखी गई थी. लेकिन अचानक ही मीटिंग स्थान को बदलकर दूसरी जगह कर दिया गया.
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पहले भी हंगामे कर चुका है पंकज धरवैया
सवर्ण परिषद के स्टार प्रचारक पंकज धरवैया को कुछ समय पहले ही हाथरस के जिला प्रभारी उपेंद्र तिवारी के खिलाफ प्रदर्शन करने के खिलाफ जेल भेज दिया गया था. जिसके बाद राष्ट्रवादी पार्टी ने उनकी गिरफ्तारी पर गुस्सा जाहिर करते हुए डीएम को ज्ञापन भी सौंपा था. पंकज धरवैया ने मेला दाऊजी महाराज में एक कार्यक्रम के दौरान तब हंगामा खड़ा कर दिया जब प्रभारी मंत्री उपेंद्र तिवारी कार्यक्रम में पहुंचे थे. जिससे कार्यक्रम में काफी हंगामा खड़ा हो गया. जिसके चलते पंकज धरवैया को शांति भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था.
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हालातों पर काबू पाने के लिए एसएसपी ने लिया आवारा पशुओं का जिम्मा
एक तरफ अपने संबोधन के दौरान पंकज धवरैया ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए और इगलास की जनता पर भी निशाना साधा और कहा- ‘यहां एक कन्या पिटती रही, लेकिन इगलास की जनता ने उसे बचाना उचित नहीं समझा’. तो दूसरी तरफ मुकदमे वापसी के लिए जद्दोजहद चल रही हैं और साथ ही इन हालातों पर काबू पाने के लिए अलीगढ़ के एसएसपी अजय साहनी ने गायों को सहूलतें देने के लिए एक नायाब तरीका अपनाया है. एसएसपी अजय साहनी के मुताबिक आवारा पशुओं (गौवंश) को लेकर हो रहे हंगामे के बाद सराहनीय फैसला लेते हुए कहा- ‘आवारा घूम रही दूध न देने वाली गायों को अब थाना अध्यक्ष, सीओ, एसपी और एसएसपी खुद पालेंगे’.
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आवारा पशुओं से परेशान ग्रामीणों ने गायों को स्कूलों में किया बंद
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में आवारा पशुओं ने काफी तबाही मचाकर रखी हुई है. जिससे पूरे हाथरस की जनता काफी परेशान चल रही है और यही वजह है कि समाधान न मिलते हुए गांववालों ने पशुओं को गांव के प्राथमिक विद्यालय परिसरों के अंदर बंद करना शुरू कर दिया है. वहीं, इस समस्या को लेकर प्रधानों का एक प्रतिनिधिमंडल हाथरस दौरे पर आये मंडलायुक्त से मिला. मंडलायुक्त ने स्कूलों में आवारा पशुओं को बंद करने की प्रकिया को गलत बताया और ग्रामीणों से ऐसा न करने की अपील की. जिसके बाद एसएसपी अजय साहनी ने गौवंश को लेकर यह फैसला लिया है.
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