देश में धर्मांतरण (Conversion) कराने वाले मौलाना मोहम्मद उमर गौतम (Mohammad Umar Gautam) को फिलीपींस (Philippines) से फंडिंग हो रही थी। उसने कुछ पैसा डायवर्ट कराने पर कानपुर में भी बैंक में डेड अकाउंट को एक्टिव कर इस्तेमाल करने की कोशिश की थी। हालांकि, इस अकाउंट का वह प्रयोग नहीं कर पाया। इस अकाउंट से उसे कानपुर में पैसा मंगाना था, लेकिन इस्तेमाल एटीएम कार्ड के जरिए दिल्ली में ही किया जाता था।
एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि फिलीपींस से विदेश फंड भारत में ट्रांसफर किया जा रहा था। यहां पर कई बैंक अकाउंट थे, जिनमें पैसा ट्रांसफर हो रहा था। अलग-अलग लोग इन अकाउंट्स का हिसाब रख रहे थे। दिल्ली और लखनऊ में अकाउंट होने के साथ ही उमर गौतम ने कानपुर में भी एक डेड पड़े अकाउंट को एक्टिव कराने की कोशिश की थी।
धर्मांतरण कराने वाला एक युवक अब दिल्ली में आईडीसी (इस्लामिक दावा सेंटर) के लिए काम कर रहा है। उसका एक अकाउंट 10-15 साल पहले शहर की एक सरकारी बैंक में एक्टिव था। यहां से पढ़ाई के सिलसिले में जाने के बाद युवक ने उस अकाउंट का प्रयोग नहीं किया, जिसकी वजह से खाता डेड हो गया था।
उमर गौतम को इस अकाउंट के बारे में जानकरी हुई तो साल 2019 में उसने इसे एक्टिव कराने की कोशिश शुरू की। यह अकाउंट एक्टिव भी हो गया, लेकिन उस खाते में किन्हीं कारणों से फंड को ट्रांसफर नहीं किया गया। इस अकाउंट के बारे में भी एटीएस ने जानकारी जुटा ली है और इसे भी जांच में शामिल कर लिया गया है। एटीएस इसमें अब तक के ट्रांजेक्शन का पता लगा रही है।
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