उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरवेश यादव की आगरा दीवानी कचहरी परिसर में गोली मारकर की गई हत्या मामले में आरोपित अधिवक्ता मनीष शर्मा (darvesh yadav murder accused) की शनिवार को गुरुग्राम के मेदांता मेडी सिटी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मनीष को घायल अवस्था में 13 जून को मेदांता में लाया गया था।
इलाज के बाद भी नहीं हो रहा था सुधार
गौरतलब है कि मनीष शर्मा ने लाइसेंसी रिवाल्वर से दरवेश को गोली मारने के बाद अपनी कनपटी में गोली मार आत्महत्या का प्रयास किया था। अधिवक्ता को आगरा पुलिस टीम बेहाेशी की हालत में मेदांता लेकर आई थी। जानकारी के मुताबिक, उसे वेंटिलेटर के सहारे रखा गया था, लेकेिन इलाज शुरू होने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ था। शनिवार को डेढ़ बजे के करीब उसकी मौत हुई है।
बता दें कि इसी महीने की 12 जून को दरवेश यादव अध्यक्ष बनने पर स्वागत समारोह के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के चैम्बर में बैठी थीं। वहीं, पर पूर्व सहयोगी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से यूपी बार कौंसिल की अध्यक्ष को 5 गोलियां मारीं, उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपित मनीष शर्मा ने खुद को भी गोली मार ली थी। हत्या के कारणों का पता नहीं लग सका है।
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यहां पर बता दें कि प्रयागराज में आगरा की दरवेश यादव और वाराणसी के हरिशंकर सिंह यूपी बार कौंसिल के अध्यक्ष संयुक्त रूप से चुने गए थे। अध्यक्ष पद पर हरिशंकर सिंह व दरवेश यादव को 12-12 बराबर वोट मिले। बराबर मत के आधार पर दोनों को छह-छह माह के लिए चयनित किया गया। परंपरा व सहमति के आधार पर दरवेश यादव पहले छह माह और हरिशंकर सिंह को शेष छह माह अध्यक्ष रहना था।
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