1984 सिख विरोधी दंगे: दिल्ली विधानसभा में उठी राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री राजीव गांधी को दिए गए भारत रत्न को वापस लेने की मांग उठी. इस संबंध में उस वक्त अजीबो गरीब मीडिया में यह खबर आई की राजीव गांधी से भारत रत्न लेने का यह प्रस्ताव पास हो गया.

 

इसके बाद आम आदमी पार्टी के विधायक और पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने मामले पर सफाई दी. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी से जुड़ी लाइनें प्रस्ताव का हिस्सा नहीं थे. एक विधायक ने राजीव गांधी से जुड़ी लाइनें अपने हाथों से प्रस्ताव पर लिख दी. उन्होंने कहा, इस तरीके प्रस्ताव पास नहीं हो सकता है.

 

 

हालांकि विधानसभा में नेता विपक्ष और बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने ट्वीट करके यह दावा किया कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव पास हो गया है और अब यह सदन की कार्रवाई का अंग बन गया.

 

 

बता दें दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार (17 नवंबर) को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में दोषी ठहराते हुए उन्हें ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी. अदालत ने कहा कि ये दंगे ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ थे और कानून लागू करने वाली एजेंसियों की मदद से उन लोगों द्वारा किए गए जिन्हें ‘राजनीतिक संरक्षण’ प्राप्त था.

 

वहीँ इस कथित प्रस्ताव को लेकर आप में जमकर घमासान मचा हुआ है. इस प्रस्ताव को सोशल मीडिया पर फैलाने वाली अलका लांबा की पार्टी ने छुट्टी कर दी. उनसे विधानसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा ले लिया. पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस मामले में सोमनाथ भारती को पार्टी के प्रवक्ता पद से हटा दिया गया है. भारती ने दावा किया था कि उन्होंने ही यह प्रस्ताव दिया था. हालांकि आप पार्टी ने कहा है कि मूल प्रस्ताव में राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की बात शामिल ही नहीं थी.

 

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