दिल्ली हाईकोर्ट ने हाशिमपुरा नरसंहार मामले में दोषी ठहराए गए 16 पीएसी जवानों के सरेंडर न किए जाने पर कड़ा रुख अपनाते हुए एसएचओ गाजियाबाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि एसएचओ गाजियाबाद ने अभी तक सभी पीएसी जवानों के सरेंडर नहीं किए जाने की रिपोर्ट दाखिल नहीं कर पाए हैं।
तीस हजारी कोर्ट में पेश होंगे एसएसपी
सूत्रों के मुताबिक, एसएसपी गाजियाबाद को भी पांच दिसंबर को तीस हजारी कोर्ट में पेश होने को कहा गया है। दरअसल, कोर्ट ने हाशिमपुरा नरसंहार मामले में सभी दोषियों को 22 नवंबर को सरेंडर करने के लिए कहा था लेकिन 16 में से सिर्फ चार जवानों निरंजन लाल, महेश, समीउल्ला और जैपाल ने ही पिछले गुरुवार को स्मिता गर्ग के कोर्ट में सरेंडर किया है।
Also Read : नोएडा: दारोगा की पत्नी का बलात्कार कर फरार हुआ सिपाही, आरोपी को खोजने में जुटी पुलिस
A Delhi Court issued a non-bailable warrant against SHO Ghaziabad for not appearing with a report on why all of the former PAC officials convicted in Hashimpura massacre case have not surrendered. SSP Ghaziabad has also been asked to appear before Tis Hazari court on 5 December.
— ANI (@ANI) November 29, 2018
दिल्ली पुलिस ने इन चारों आरोपियों को हिरासत में लेकर तिहाड़ जेल भेज दिया। बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने हाशिमपुरा नरसंहार मामले में सभी 16 पीएसी जवानों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसमें से एक की मौत हो चुकी है। ऐसे में कोर्ट ने बाकी बचे दोषियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है।
ये है हाशिमपुरा नरसंहार का मामला
गौरतलब है कि साल 1986 में केंद्र सरकार ने बाबरी मस्जिद का ताला खोलने का आदेश दिया था। इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में माहौल गरमा गया। इसके बाद 14 अप्रैल 1987 से मेरठ में धार्मिक उन्माद शूरू हो गया और कई लोगों की हत्या हुई। दुकानों और घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। हत्या, आगजनी और लूट की वारदातें होने लगीं थी।
इसके बाद भी जब मेरठ में दंगे की चिंगारी शांत नहीं हुई थी। इन सबको देखते हुए मई के महीने में मेरठ शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा और शहर में सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला। जानकारी के मुताबिक, इसी बीच 22 मई 1987 को पुलिस, पीएसी और मिलिट्री ने हाशिमपुरा मोहल्ले में सर्च अभियान चलाया।
Also Read : यूपी: मालखाने से गायब हुई रकम, चार्ज लेने आए पुलिसकर्मी ने खुद को मारी गोली
जिन 16 जवानों को आरोपी बनाया गया है उन पर आरोप है कि इन लोगों ने यहां रहने वाले लोगों को ट्रकों में भरकर पुलिस लाइन ले गए और फिर शाम के वक्त एक ट्रक को दिल्ली रोड पर मुरादनगर गंग नहर पर लेकर पहुंचे। जानकारी के मुताबिक, इस ट्रक में लगभग 50 लोग थे जिन्हें उतारकर जवानों ने पहले गोली मारी और फिर गंग नहर में फेंक दिया।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )