सरकार ने IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश (IAS Abhishek Prakash) के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप में निलंबन की पूरी रिपोर्ट केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को भेज दी है। यह रिपोर्ट लगभग 36 पेजों में तैयार की गई है और इसमें इस मामले की पूरी जानकारी दी गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुआ निलंबन
अभिषेक प्रकाश को 20 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर निलंबित किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक सोलर कंपनी को अनुदान देने के बदले रिश्वत मांगी थी। निलंबन के बाद नियुक्ति विभाग ने उन्हें आरोप पत्र जारी किया और उनसे जवाब मांगा।
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डीओपीटी को भेजी गई निलंबन सूचना
विभागीय सूत्रों के अनुसार, अभिषेक प्रकाश के निलंबन की पूरी जानकारी डीओपीटी को भेज दी गई है। सूत्रों का कहना है कि यदि निलंबन की अवधि लंबी होती है, तो इस मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की जाएगी, जो अपनी रिपोर्ट डीओपीटी को सौंपेगी।
निलंबन की अधिकतम अवधि पर डीओपीटी की सहमति जरूरी
आईएएस अधिकारियों का निलंबन एक वर्ष से अधिक समय तक बनाए रखने के लिए डीओपीटी की सहमति आवश्यक होती है। इस प्रक्रिया के तहत संबंधित विभाग को डीओपीटी से मंजूरी लेनी होती है।


















































