आज अयोध्या (Ayodhya) की विवादित भूमि को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. जिसके पहले ही पीएम, सीएम और सभी प्रशासनिक अफसरों ने इसकी तैयारी कर ली थी. जिसके अंतर्गत डीजीपी ने जनता से ये अपील की है कि, सोशल साइट्स पर आने वाले किसी भी मैसेज को आगे बढ़ाने से पहले उसकी सत्यता जांच ले. साथ ही लोगों से ऐसे मैसेज को आगे बढ़ाने से बचने की बात भी की है.
डीजीपी ने माँगा जनता का साथ
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या (Ayodhya) की विवादित जमीन का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया है. साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाया जाए, जो मंदिर निर्माण का काम देखे. ज्सिएक बाद सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने जनता से भी सहयोग माँगा है.
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उन्होंने कहा है कि किसी भी तरह का मैसेज फॉरवर्ड करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जांच लें. अन्यथा आपके द्वारा किया गया एक भी गलत मैसेज लाखों लोगों के लिए मुसीबत का सबब और प्रदेश के माहौल को खराब करने का कारण बन सकता है. जिसके जिम्मेदार पूरी तरह से आप होंगे. उत्तर प्रदेश पुलिस सोशल मीडिया (व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब आदि) की पूरी निगरानी कर रही है. बावजूद इसके अगर कोई यह सोचकर कि पकड़ा नहीं जाऊंगा और गलत मैसेज फॉरवर्ड करता है तो यह उसकी गलतफहमी होगी.
दंगा भड़काने वालों की दें सूचना
साथ ही डीजीपी ने साफ़ तौर पर ये भी कहा है कि यदि आपके क्षेत्र में कोई अनजान व्यक्ति या समूह सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्णय के विरोध में भड़काने की कोशिश करता है या बरगलाने की कोशिश करता है तो उसकी भी सूचना तत्काल पुलिस को दे सकते हैं.
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