कड़ी सख्ती के बावजूद आए दिन कहीं न कहीं से पुलिसकर्मियों की घूसखोरी की खबरें सामने आती रहती हैं। इसी के चलते अब डीजीपी मुकुल गोयल ने भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों का ब्योरा मांगा है। ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। इसके लिए डीजीपी ऑफिस की तरफ से प्रदेश भर के कप्तानों और पुलिस कमिश्नरों को इसका प्रारूप भेज दिया है। उसी प्रारूप के अनुसार उन्हें दोषी पुलिसकर्मी का ब्योरा देना होगा। मुख्यालय पर एडीजी अपराध केएस प्रताप कुमार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। वो इस बात का ध्यान रखेंगे कि किसी भी तरह कोई भ्रष्टाचारी बच के ना जा सके।
देनी होगी आरोपी की पूरी जानकारी
डीजीपी के प्रारूप के अनुसार, कितने पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत मिली, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई व वह किस रैंक का है आदि भरना होगा। एसपी, एसएसपी और पुलिस आयुक्तों को हर महीने की सात तारीख को ऐसे पुलिस कर्मियों की जानकारी भेजनी होगी। ये अभियान खासकर अराजपत्रित कर्मचारियों के लिए है। दरअसल, आंकड़ों की मानें तो कई अराजपत्रित पुलिस कर्मियों की जनता से दुर्व्यवहार व भ्रष्टाचार की शिकायतें आती रहती हैं। इससे पुलिस की छवि पर विपरीत असर पड़ता है। ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ कठोर वैधानिक व दंडात्मक कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस कप्तानों और पुलिस आयुक्तों को दिए गए। जल्द ही इसी अभियान के अन्तर्गत काम शुरू हो सकता है।
डीजीपी ने ये भी कहा है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी ऐसी हो जो नजीर बने ताकि दूसरे पुलिस कर्मी ऐसा काम करने से डरें। उन्होंने अफसरों को पत्र भेजकर कहा है कि जब तक थाने में सुधार नहीं होगा, तब तक आदर्श पुलिसिंग पर नजर नहीं आएगी। सबसे पहले थानों पर आम आदमी के साथ पुलिस को अपने व्यवहार में सुधार लाना होगा
सैनिक सम्मलेन में भी डीजीपी ने दी थी हिदायत
कुछ दिन पहले ही डीजीपी ने लखनऊ में पुलिसकर्मियों का सैनिक सम्मलेन आयोजित किया था। जिसके अंतर्गत उन्होंने सैनिक सम्मेलन में आए पुलिस कर्मियों के सुझाव और उनकी समस्याओं को सुनकर डीजीपी ने उनके समुचित समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इसके साथ ही पुलिसकर्मियों को जनता के साथ शालीनतापूर्ण व्यवहार करने तथा ड्यूटी के दौरान स्वच्छ व निर्धारित वर्दी धारण करने की हिदायत दी थी।
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