कांग्रेस (Congress) नेता और सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने पार्टी छोड़ने की अटकलों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने साफ किया है कि फिलहाल वह नीलांबुर उपचुनाव (Nilambur Election) के चलते इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन चुनाव के बाद मतभेदों को लेकर खुलकर बात करेंगे। थरूर ने कहा, कांग्रेस, इसके मूल्य और इसके समर्पित कार्यकर्ता मेरे लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। मैं पिछले 16 वर्षों से पार्टी के साथ काम कर रहा हूं और कार्यकर्ताओं को अपना करीबी मित्र और भाई मानता हूं।’ हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पार्टी के नेतृत्व में कुछ लोगों से उनके मतभेद हैं। थरूर ने कहा कि इन मतभेदों में से कई बातें पहले ही सार्वजनिक हो चुकी हैं और मीडिया में रिपोर्ट भी हो चुकी हैं।
जहां आमंत्रण नहीं,वहां नहीं जाता: थरूर
नीलांबुर उपचुनाव प्रचार में उनकी गैरमौजूदगी को लेकर थरूर ने साफ किया कि वे तभी प्रचार में हिस्सा लेते हैं जब उन्हें बुलाया जाता है। उन्होंने कहा, मैं वहां नहीं जाता जहां मुझे आमंत्रित नहीं किया जाता, लेकिन मैं चाहता हूं कि यूडीएफ उम्मीदवार को जीत मिले और पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत सफल हो।
प्रधानमंत्री से मुलाकात पर शशि थरूर ने क्या बोला ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ हुई उनकी बातचीत पर भी थरूर ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने बताया कि यह बैठक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सिलसिले में थी, जिसमें विभिन्न देशों की यात्राओं और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई थी। इस दौरान उन्होंने यह भी स्पष्ट किया की , घरेलू राजनीति से जुड़ी कोई बात नहीं हुई।
भारत के हितों के लिए काम करना हमारा कर्तव्य:थरूर
सांसद थरूर ने कहा कि जब वह संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष बने थे, तभी उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि उनकी प्राथमिकता भारत की विदेश नीति और राष्ट्रीय हित हैं न कि राजनीतिक दलों की नीति। उन्होंने कहा, अगर केंद्र सरकार ने मेरी सेवाएं मांगीं, तो मैंने एक भारतीय नागरिक के रूप में गर्व के साथ अपना कर्तव्य निभाया। शशि थरूर ने संकेत दिए कि नीलांबुर उपचुनाव के बाद वे पार्टी के भीतर अपने मतभेदों को लेकर ज्यादा खुलकर बात करेंगे। फिलहाल, वे चुनाव प्रचार से दूर रहकर पार्टी की जीत की कामना कर रहे हैं।