योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanathent Governm) के मंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) की ‘नाराजगी’ दूर होती दिख रही है. नाराज होकर खटीक ने अपना इस्तीफा सीधे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को भेज दिया था. खटीक की नाराजगी सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से नहीं, अधिकारियों से है. मीडिया को संकेतों में साफ कर दिया है कि वे इस्तीफा नहीं दे रहे हैं. एक दिन पहले उनकी जो चिट्ठी सामने आई थी, उसमें साफ लिखा था कि वे अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.
सीएम तो भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है
खटिक ने गुरुवार को मेरठ में अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि मेरी मुख्यमंत्री या सरकार के अन्य किसी भी मंत्री से कोई नाराजगी नहीं है. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ कुछ अफसरों से नाराज हैं, जो मनमानी करके सरकार को बदनाम कर रहे हैं. खटिक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि वह तो भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति अपनाए हुए हैं, लेकिन अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को सम्मान चाहिए मगर कुछ अफसर सम्मान तो अलग बात है मांगने पर सूचना भी नहीं देते हैं. उन्होंने कहा कि मैं काम करता रहूंगा, अपनी बात मुख्यमंत्री के सामने रख दी है.
खटिक ने लगाए थे भ्रष्टाचार के आरोप
बता दें कि दिनेश खटिक ने दलित होने के चलते विभागीय अधिकारियों द्वारा उनकी अनदेखी किये जाने का आरोप लगाते हुए बुधवार को अपने पद से इस्तीफा देने की पेशकश की थी. उन्होंने विभाग में भ्रष्टाचार होने का आरोप भी लगाया था. खटिक ने एक ओर अपना इस्तीफा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा तो दूसरी ओर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलकर उन्हें भी एक प्रति दी थी. चिट्ठी में खटिक ने दलित होने के कारण अधिकारियों द्वारा सुनवाई न होने, तबादलों और नमामि गंगे योजना में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. चिट्ठी की अंतिम लाइन में उन्होंने इस्तीफा देने की बात कही थी.
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