यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में सपा-आरएलडी गठबंधन (SP-RLD Alliance) पर टिकट बेचने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले डॉ. मसूद अहमद (Masood Ahmad) में अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि गठबंधन इसलिए चुनाव हारा क्योंकि अखिलेश यादव अति उत्साह में ये मान चुके थे के वह मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं, लेकिन नतीजा उल्टा आया। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों में टिकट बेचे जाते हैं।
डॉ. मसूद अहमद ने बताया कि वह भारतीय क्रांति मोर्चा नामक गैर राजनीतिक संगठन गठित कर अल्पसंख्यकों, दलितों, पिछड़ों और किसानों की आवाज उठाकर उनके लिए संघर्ष करते रहेंगे। मोर्चा की बैठक जल्द ही मुरादाबाद में होगी। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से गठबंधन की लहर थी। यह बात और है कि गठबंधन अति आत्मविश्वास, सीटों के बंटवारे को लेकर ऊहापोह और टिकटों के वितरण में घालमेल के कारण हारा।
उन्होंने कहा कि गठबंधन में एका नहीं था और उसके घटक दलों में दूरी बनी रही। जयंत चौधरी जो सीटें मांग रहे थे, उन्हें नहीं मिली। हमारे कई नेता जो दो-तीन बार के विधायक थे और जिन्हें जनता पहचानती थी, चुनाव नहीं लड़ पाए। घटक दल के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते वह खुद टांडा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे लेकिन उन्हें टिकट के काबिल नहीं समझा गया।
डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि विधानसभा चुनाव के पहले चरण के बाद आरएलडी चीफ जयंत चौधरी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कहीं मंच साझा करते नहीं दिखे। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर के साथ जो व्यवहार हुआ, उससे दलित बीजेपी की ओर चले गए। गठबंधन का नेतृत्व करने वालों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों के वोटों की चाहत रखने वाले मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों पर चुप्पी साध रहे।
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