महाराष्ट्र (Maharastra) के ठाणे निवासी डॉ. उसामा माज शेख दानिश (Dr. Usama Maj Sheikh Danish) को यूपी एटीएस (UP ATS) ने आठ दिन की रिमांड पर लिया है। लखनऊ की विशेष NIA/ATS अदालत ने 15 अगस्त से रिमांड अवधि की मंजूरी दी। आरोप है कि उसामा सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड ऐप्स के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथ की राह पर ले जाकर ‘जिहादी नेटवर्क’ तैयार करने में सक्रिय था।
पुणे और अमरोहा से दो युवकों की गिरफ्तारी
एटीएस ने 4 अगस्त को एक समन्वित कार्रवाई में पुणे से डॉ. उसामा और अमरोहा जिले से अजमल अली को गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी के अनुसार, दोनों की मुलाकात इंस्टाग्राम पर बने एक ग्रुप में हुई थी, जहां लोकतांत्रिक व्यवस्था खत्म कर शरिया कानून लागू करने और गैर-मुस्लिमों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई पर चर्चा होती थी।
इंस्टाग्राम से सिग्नल तक पहुंचा कट्टरपंथी संपर्क
एटीएस का कहना है कि बातचीत को गुप्त रखने के लिए उसामा ने अजमल को सिग्नल ऐप इस्तेमाल करने की सलाह दी। जांच में सामने आया कि ‘Reviving Islam’ नामक वॉट्सऐप और सिग्नल चैट ग्रुप में कई पाकिस्तानी नंबर सक्रिय थे। इन ग्रुपों में IED बनाने की ट्रेनिंग वीडियो, हिंसात्मक संदेश और ‘गजवा-ए-हिंद’ (Ghazwa-e-Hind) जैसी सामग्री साझा की जाती थी, जिसका मकसद युवाओं में उग्र सोच फैलाना था।
डिजिटल और वित्तीय पहलुओं की गहन जांच
एटीएस आरोपी के मोबाइल डेटा, कॉल रिकॉर्ड, एन्क्रिप्टेड चैट और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच कर रही है। इसके साथ ही बैंक खातों की जानकारी मंगाकर लेन-देन की पड़ताल की जाएगी ताकि फंडिंग के स्रोत का पता चल सके। एजेंसी का कहना है कि यह मामला देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता से जुड़ा है, इसलिए आरोपी से गहन पूछताछ बेहद जरूरी है।
















































