महाकुंभ के प्रभाव से काशी में पर्यटन कारोबार चरम पर, होटल और क्रूज की बुकिंग फुल

महाकुंभ के चलते काशी के पर्यटन उद्योग में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। हालात यह हैं कि 12 मार्च तक होटल और क्रूज की बुकिंग पूरी तरह फुल हो चुकी है। गंगा किनारे स्थित होटलों में कमरे उपलब्ध नहीं हैं, जबकि नौका विहार के लिए नाव और बजड़े की बुकिंग भी मुश्किल होती जा रही है। घाट किनारे के सभी होटल 20 मार्च तक पूरी तरह बुक हो चुके हैं।

पर्यटकों की भारी भीड़, मांग के बावजूद बुकिंग असंभव

पर्यटन व्यवसायियों के अनुसार, इस बार महानगरों के व्यवसायियों के साथ-साथ दक्षिण भारतीय पर्यटक भी बड़े समूहों में बुकिंग करा रहे हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से बुकिंग हो रही है। वाराणसी में पंजीकृत नावों की संख्या लगभग 1,500 है, लेकिन वर्तमान में यहां 3,000 से अधिक नावों का संचालन किया जा रहा है।

Also Read -राजनीतिक हलचल तेज,कांग्रेस से नाराज शशि थरूर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ शेयर की सेल्फी

संजीव साहनी के अनुसार, सबसे अधिक बुकिंग 35 से 50 व्यक्तियों के समूहों के लिए हो रही है। होटल मार्केटिंग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि होली के आसपास छोड़कर, उसके एक सप्ताह बाद तक भी सभी होटल फुल हैं। टूरिस्ट प्रबंधक अनिल त्रिपाठी ने बताया कि महाकुंभ के चलते होटल और अन्य पर्यटन सुविधाओं की मांग चरम पर है।

धार्मिक पर्यटन में उछाल, अयोध्या-प्रयागराज-काशी का धार्मिक त्रिकोण बना आकर्षण का केंद्र

टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राहुल मेहता ने बताया कि ज्यादातर पर्यटक पांच दिन की बुकिंग करा रहे हैं। वहीं, भारी मांग को देखते हुए आसपास के जिलों से छोटे चार पहिया वाहन मंगाने पड़ रहे हैं। टूर पैकेज में होटल के कमरों के साथ ट्रांसपोर्टेशन और नावों की बुकिंग भी शामिल की जा रही है।

Also Read -राजनीतिक हलचल तेज,कांग्रेस से नाराज शशि थरूर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ शेयर की सेल्फी

महाकुंभ के चलते काशी, प्रयागराज और अयोध्या का धार्मिक त्रिकोण पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है। होटल व्यवसायी दीपक मिश्र के अनुसार, प्रयागराज में स्नान के बाद पर्यटक काशी और अयोध्या का भी रुख कर रहे हैं। इससे काशी के पर्यटन उद्योग की विदेशी पर्यटकों पर निर्भरता कम हुई है। इसके अलावा, कोरोना काल के बाद काशी विश्वनाथ धाम ने भी यहां के पर्यटन को एक नई गति दी है।

महाकुंभ के कारण काशी का पर्यटन उद्योग अपने चरम पर है। होटलों, क्रूज, नावों और ट्रांसपोर्ट सेवाओं की भारी मांग बनी हुई है, जिससे स्थानीय व्यवसायियों को अभूतपूर्व लाभ हो रहा है। धार्मिक पर्यटन को मिले इस नए आयाम से भविष्य में भी काशी के पर्यटन कारोबार को मजबूती मिलने की संभावना है।

INPUT SANJAY CHAUHAN

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं