योगी सरकार (Yogi Government) उत्तर प्रदेश को “एक्सप्रेसवे प्रदेश” बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य को आधुनिक नागरिक सुविधाओं से सुसज्जित करने की नीति के तहत पूर्वांचल (Purvanchal Expressway) और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) पर कुल 12 अत्याधुनिक ई-वे हब्स विकसित किए जाएंगे। इन हब्स को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से युक्त बनाने की विस्तृत कार्ययोजना उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा तैयार की गई है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 40 हेक्टेयर में बनेंगे 4 ई-वे हब्स
यूपीडा (UPEIDA) की योजना के अनुसार, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर चार ई-वे हब्स का निर्माण किया जाएगा, जिनका कुल क्षेत्रफल 40 हेक्टेयर होगा।बांदा जिले में एक्सप्रेसवे की दाहिनी ओर 10 हेक्टेयर में हब विकसित किया जाएगा।हमीरपुर में बायीं ओर 10 हेक्टेयर में ई-वे हब बनेगा।जालौन में दो हब्स एक्सप्रेसवे के दोनों ओर 10-10 हेक्टेयर में स्थापित होंगे।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 81.89 हेक्टेयर में बनेंगे 8 ई-वे हब्स
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर कुल 8 ई-वे हब्स बनाए जाएंगे, जिनका कुल क्षेत्र 81.89 हेक्टेयर होगा। प्रमुख स्थान और क्षेत्रफल इस प्रकार हैं:
- बाराबंकी: बायीं तरफ 10 हेक्टेयर
- अमेठी: दाहिनी तरफ 10.12 हेक्टेयर
- मऊ: बायीं तरफ 10.10 हेक्टेयर
- गाजीपुर: दाहिनी तरफ 10.52 हेक्टेयर
- सुल्तानपुर और आजमगढ़: दोनों ओर कुल मिलाकर 41.15 हेक्टेयर (प्रत्येक हब लगभग 10 हेक्टेयर)
ई-वे हब्स में मिलेंगी अत्याधुनिक सुविधाएं
ई-वे हब्स को आधुनिक यात्री सुविधाओं से लैस किया जाएगा। इनमें प्रमुख सुविधाएं होंगी:
- पेट्रोल-सीएनजी पंप
- इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन
- फूडकोर्ट और आउटलेट्स
- पेयजल और स्वच्छ टॉयलेट ब्लॉक्स
- बजट होटल और थीम पार्क
- लॉजिस्टिक्स और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
- व्यावसायिक और औद्योगिक क्षेत्र का विकास
सुरक्षा और निगरानी भी रहेगी पुख्ता
हर ई-वे हब को सीसीटीवी सर्विलांस सिस्टम से पूरी तरह लैस किया जाएगा, जिससे यात्रियों और पूरे क्षेत्र की निगरानी सुनिश्चित की जा सकेगी। इसके साथ ही, ई-वे हब्स में बच्चों के खेलने के क्षेत्र, स्वास्थ्य सेवाएं और शैक्षणिक संस्थानों के लिए भी स्थान निर्धारित किया गया है।
ईपीसी मोड पर होगा निर्माण कार्य
इन सभी ई-वे हब्स का निर्माण EPC (Engineering, Procurement, Construction) मोड पर किया जाएगा, जिससे परियोजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्ता पूर्ण तरीके से पूरा किया जा सके।