प्रयागराज: महाकुम्भ मेला 2025 (Mahakumbh 2025) में आने वाले श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने नई पहल शुरू की है। इस पहल के तहत, श्रद्धालुओं को ओला और उबर की तर्ज पर एप आधारित ई रिक्शा और ई ऑटो बुकिंग की सुविधा मिलेगी। इन ई-वाहनों के ड्राइवर पूरी तरह से प्रशिक्षित और अनुशासित होंगे, और साथ ही पिंक टैक्सी सेवा भी उपलब्ध होगी, जिसमें महिला चालक होंगी।
15 दिसंबर से शुरू हो रही इस सेवा के तहत, श्रद्धालुओं को मनमाना किराया वसूलने वाले रिक्शा चालकों से राहत मिलेगी। सरकार का उद्देश्य महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं को सस्ती और सुविधाजनक लोकल राइड प्रदान करना है, साथ ही ग्रीन महाकुम्भ की अवधारणा को भी बढ़ावा देना है। इस पहल से न केवल पर्यावरण का संरक्षण होगा, बल्कि यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को सुरक्षित और आरामदायक सेवा भी मिलेगी।
महाकुम्भ के दौरान अनुमानित 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन की संभावना को देखते हुए, सरकार ने 7000 से अधिक रोडवेज बसों और 550 शटल बसों का संचालन करने का निर्णय लिया है। रेलवे भी करीब 1000 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन करेगा। इसके अलावा, प्रयागराज में लोकल ट्रांसपोर्ट की सुविधा के लिए यूपी के स्टार्टअप, कॉम्फी ई मोबिलिटी ने ऑनलाइन ई रिक्शा और ई ऑटो बुकिंग की व्यवस्था शुरू की है।
यह सेवा रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, हवाई अड्डे और होटलों से उपलब्ध होगी, और श्रद्धालु अपनी यात्रा के दौरान ई व्हीकल्स को चुन सकेंगे। खास बात यह है कि सभी ड्राइवरों को आगंतुकों से अच्छे व्यवहार की ट्रेनिंग दी जा रही है, और हिंदी या अंग्रेजी में कठिनाई होने पर गूगल वॉयस असिस्टेंस की भी सुविधा उपलब्ध होगी।
कॉम्फी ई मोबिलिटी की फाउंडर और डायरेक्टर मनु गुप्ता ने बताया कि यह सेवा पर्यावरण के अनुकूल होगी और इसमें ड्राइवरों से कोई कमीशन नहीं लिया जाएगा। प्रत्येक ड्राइवर और वाहन के मालिक का वेरिफिकेशन किया गया है, और सभी ई रिक्शा और ऑटो जीपीआरएस सिस्टम से ट्रैक किए जाएंगे। इसका किराया पूरी तरह से पारदर्शी होगा, जो प्रति किलोमीटर के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा।
इस पहल के तहत, महाकुम्भ के श्रद्धालुओं को न सिर्फ सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा, बल्कि यह महापर्व उनके लिए यादगार बन जाएगा। सीईओ आरके चौहान ने कहा, “हमारा उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को टैक्सी के रूप में प्रस्तुत कर वायु प्रदूषण को कम करना और रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। इस पहल के बाद, हम इसे प्रदेश के अन्य शहरों में भी लागू करेंगे।”
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