गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मोनार्ड यूनिवर्सिटी (Monad University) के फर्जी मार्कशीट और डिग्री मामले में अहम कार्रवाई की। सुबह-सुबह टीम ने तीन राज्यों, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली,में छापेमारी शुरू की। सबसे पहले हापुड़ में सुबह तीन बजे चार अलग-अलग ठिकानों पर कार्रवाई की गई। इसके बाद हरियाणा और नई दिल्ली में भी ईडी की टीमें पहुंचीं।
साल 2023 से चल रहा था नकली डिग्री रैकेट
इस फर्जीवाड़े का नेटवर्क 2023 से सक्रिय था। मोनार्ड यूनिवर्सिटी के नाम पर फेल छात्रों को 50 हजार से 4 लाख रुपये में नकली डिग्री और मार्कशीट दी जाती थी। ये दस्तावेज वॉट्सएप के माध्यम से ऑर्डर किए जाते थे और भुगतान यूपीआई, नकद या अन्य तरीके से किया जाता था। तैयार दस्तावेज दो दिन में कोरियर के जरिए डिलीवर कर दिए जाते थे। स्पेशल टास्क फोर्स की जांच में पांच साल में 18 से 22 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान लगाया गया। आयकर विभाग अब इस कमाई के स्रोत की तलाश कर रहा है।
पहले गिरफ्तारी और ईडी की नई जांच
इस मामले में मई 2025 में उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने फर्जीवाड़े के वित्तीय पहलुओं का खुलासा किया था। विश्वविद्यालय के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा, प्रो-चांसलर नितिन कुमार सिंह समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इनमें सनी कश्यप, कुलदीप, विपुल चौधरी, इमरान और संदीप कुमार जैसे कर्मचारी शामिल थे, जो नकली मार्कशीट और डिग्री बनाने में सीधे तौर पर संलिप्त पाए गए थे।
हापुड़ में ईडी की छापेमारी का सिलसिला
ईडी की टीमों ने हापुड़ के मुख्य कैंपस और आरोपी कर्मचारियों के घरों पर छापेमारी की। जांच के दौरान सभी कंप्यूटर हार्ड डिस्क जब्त कर ली गई और सर्वर रूम सील कर दिया गया। कैंपस के मुख्य द्वार पर CRPF तैनात है और कर्मचारियों को घर भेज दिया गया है। सनी कश्यप, इमरान और विपुल चौधरी के घरों से नकदी, बैंक पासबुक और लैपटॉप बरामद किए गए। स्थानीय लोगों के अनुसार रात के समय अचानक 10 से अधिक वाहन आए और मोबाइल फोन से फोटो लेने पर रोक लगाई गई। ये तीनों आरोपी मई में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर बाहर आए थे।




















































