मथुरा से गिरफ्तार हुए पीएफआई सीएफआई के चार सदस्यों से ईडी ने बुधवार को पूछताछ की। इस पूछताछ में ये जानकारी हाथ लगी है कि ये चारों विदेशों से फंडिंग लेकर हाथरस केस में दंगा भड़काने की फिराक में थे। इन चारों से ईडी ने पूरे पांच घंटे तक पूछताछ की। इन चारों को ही एक अस्थाई जेल में रखा गया है। जल्द ही इनसे पूछताछ में बड़े खुलासे होने की संभावना है।
पांच घंटे चली पूछताछ
जानकारी के मुताबिक, सीजेएम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद बुधवार की सुबह 11 बजे प्रवर्तन निदेशालय ईडी डिप्टी डायरेक्टर विनय कुमार के नेतृत्व में 12 सदस्य की टीम रतनलाल फूल कटोरी इंटर कॉलेज में बनी अस्थाई जेल पहुंचे। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर आरआर कुमार ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेन्द्र मैत्रेय को न्यायालय का आदेश दिखाकर आरोपियों से पूछताछ शुुरू की। चारों आरोपियों से अलग-अलग हुई पूछताछ में विदेश से की गई फंडिंग से संबंधित सवाल किए गए।
इस दौरान आरोपियों से लिखित बयान लिए गए। ईडी की टीम शाम चार बजे तक अस्थाई जेल में रही। इस संबंध में वरिष्ठ जेल अधीक्षक शैलेन्द्र मैत्रेय ने बताया कि ईडी की टीम ने चारों आरोपियों से बयान लिए हैं। ईडी की टीम विदेशों से फंडिंग के मामले में पीएफआई के सदस्यों से पूछताछ की।
पूछताछ में केरल निवासी सिद्दीकी कप्पन ने खुद को एक मलयाली ऑनलाइन न्यूज पोर्टल में कंट्रीब्यूटर बताया। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आरोपी मसूद ने संगठन के एकाउंट से रक़म हासिल की। नई दिल्ली में हुए दंगों में भी मसूद की भूमिका की जानकारी मिली है।
कैसे हुए थे गिरफ्तार
मुजफ्फरनगर निवासी अतीकुर्रहमान, रामपुर निवासी आलम, केरल निवासी सिद्दीकी कप्पन और बहराइच निवासी मसूद अहमद को पांच अक्टूबर की रात्रि दिल्ली से हाथरस जाते समय चेकिंग के दौरान मथुरा के मांट टोल प्लाजा पर पकड़ा गया था। उस समय इन लोगों ने खुद को पत्रकार बताते हुए पूछताछ में कहा था कि वे सभी लोग हाथरस में गैंगरेप मामले को कवर करने जा रहे हैं। बाद में पता चला कि वे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) एवं उसके सह संगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) से जुड़े हुए हैं। इनके पास से लैपटॉप, मोबाइल और जस्टिस फॉर हाथरस के पंपलेट बरामद हुए थे।
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