प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार रात रिलायंस पावर (Reliance Power) के मुख्य वित्तीय अधिकारी अशोक कुमार पाल (CFO Ashok Kumar Pal) को गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी कथित 17,000 करोड़ रुपये की एडीए समूह लोन धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत की गई है। पाल को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत ईडी के दिल्ली कार्यालय से हिरासत में लिया गया और उन्हें सुबह दिल्ली की अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है।
फर्जी बैंक गारंटी में मुख्य भूमिका का आरोप
ईडी के अनुसार, अशोक पाल ने भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) को सौंपी गई ₹68 करोड़ से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी जारी करने में अहम भूमिका निभाई। जांचकर्ताओं का दावा है कि यह फर्जी गारंटी फर्जी बिलिंग, नकली कंपनियों और ईमेल डोमेन के माध्यम से जाली वित्तीय साधनों को वैध दिखाने के लिए बनाई गई थी। पाल ने बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड को नियुक्त करने में मदद की, जो ऐसी फर्म थी जिसकी कोई विश्वसनीय पृष्ठभूमि नहीं थी।
एडीए समूह की व्यापक जांच
पाल की गिरफ्तारी एडीए समूह की बड़ी जांच में एक महत्वपूर्ण कदम है। अगस्त में ईडी ने मुंबई में 35 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 50 कंपनियाँ और 25 व्यक्ति शामिल थे। इसी महीने, अनिल अंबानी को ईडी ने पूछताछ के लिए तलब किया था। जांच का केंद्र यस बैंक के तत्कालीन सीईओ राणा कपूर द्वारा संकटग्रस्त एडीए समूह की कंपनियों को भारी मात्रा में ऋण देने के आरोप हैं, जिन पर अब धोखाधड़ी की जांच चल रही है।
कौन है अशोक पाल ?
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, अशोक पाल चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और उनके पास 25 वर्षों से अधिक का अनुभव है। वे पिछले सात वर्षों से रिलायंस पावर में कार्यरत हैं और 29 जनवरी, 2023 को उन्हें कंपनी का मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) नियुक्त किया गया था।