प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक बड़े मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व सांसद अतुल राय (Atul Rai) और माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) से जुड़ी 6 अचल संपत्तियों को जब्त किया है। यह कार्रवाई इलाहाबाद स्थित ईडी के सब-जोनल कार्यालय ने की है। जब्त की गई संपत्तियों की कुल कीमत करीब 4.18 करोड़ रुपये बताई गई है।
कहां-कहां की गई संपत्तियां जब्त
ईडी के अनुसार, जिन संपत्तियों को प्रिविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के तहत जब्त किया गया है, उनमें दिल्ली स्थित एक फ्लैट, वाराणसी में तीन रिहायशी प्लॉट और गाज़ीपुर (उत्तर प्रदेश) में दो कृषि जमीनें शामिल हैं। ये संपत्तियां मुख्य रूप से स्पेक्ट्रम इन्फ्रासर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (जो अतुल राय की कंपनी है) और जितेन्द्र सपरा के नाम पर थीं।
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मामले की जड़ें मऊ जिले में दर्ज एफआईआर में
ED की जांच उस एफआईआर पर आधारित है जो मऊ जिले के दक्षिण टोला थाने में दर्ज हुई थी। शिकायत के अनुसार, मुख्तार अंसारी के प्रभाव में चल रही विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी ने रैनी गांव की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से गोदाम बनवाया और उसे भारतीय खाद्य निगम (FCI) को किराए पर दे दिया। इससे करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई।
27.72 करोड़ की अवैध कमाई का खुलासा
जांच में पता चला है कि FCI से गोदाम किराए के रूप में 15.31 करोड़ रुपये मिले। साथ ही NABARD से 2.25 करोड़ रुपये की सब्सिडी ली गई, पूर्व पार्टनरों से जबरन वसूली से 3.10 करोड़ रुपये और FCI से ट्रांसपोर्ट चार्जेस के नाम पर 7.05 करोड़ रुपये अतिफ रजा को दिए गए। इस तरह कुल 27.72 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की गई।
काले धन को सफेद करने की साजिश
ED की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अवैध धन को कई फर्जी कंपनियों के जरिए वैध दिखाने की कोशिश की गई। इनमें ‘आगाज प्रोजेक्ट एंड इंजीनियरिंग प्रा. लि.’ और ‘इनीजियो नेटवर्क सॉल्यूशन प्रा. लि.’ जैसी कंपनियां शामिल थीं, जो मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों से जुड़ी थीं। इसके बाद यही धन ‘कुसुमविजन इन्फ्रा’, ‘स्पेक्ट्रम इन्फ्रासर्विसेज’ और ‘कुसुम कंस्ट्रक्शन एंड टेलीकॉम सर्विसेस’ में ट्रांसफर किया गया, जो अतुल राय से जुड़ी कंपनियां हैं।
ED की अब तक की कार्रवाई और अगला कदम
ईडी अब तक इस मामले में कुल 6.40 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर चुकी है। साथ ही, जितेन्द्र सपरा और उनके परिवार के खातों में एक करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाने का भी खुलासा हुआ है, जिनसे जमीनें खरीदी गईं। मुख्तार अंसारी पर हत्या, ज़बरन वसूली, ज़मीन कब्जा समेत 49 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जांच एजेंसी अब अन्य संदिग्ध संपत्तियों और बैंक खातों की ट्रैकिंग कर रही है और निगरानी तेज कर दी गई है।