भदोही: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) द्वारा 5000 से ज्यादा सरकारी स्कूलों को मर्ज (Schools Merge) करने की योजना पर भदोही (Bhadohi) जिले में राजनीतिक विवाद गहराता जा रहा है। इस योजना के खिलाफ समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता विरोध में ‘पीडीए पाठशाला’ चला रहे हैं, जहां बच्चों को ‘ए फॉर अखिलेश’, ‘डी फॉर डिंपल’, ‘एम फॉर मुलायम’ जैसे शब्द पढ़ाए जा रहे हैं। इस पर बीजेपी ने कड़ा एतराज जताया है और इसे शिक्षा के राजनीतिकरण की कोशिश बताया है।
सपा नेता पर छात्रों से पार्टी प्रचार का आरोप
भदोही जिले के औराई प्रखंड स्थित सिकंदरा गांव में सपा नेता अंजनी सरोज के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन के दौरान बच्चों की कथित भागीदारी को लेकर विवाद बढ़ गया। डीएम शैलेश कुमार के अनुसार, सरोज ने आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों को टॉफी, पेंसिल व अन्य सामान देकर उन्हें सपा के पोस्टर थमाए और विरोध मार्च में शामिल किया। इस पर स्कूल के प्रधानाध्यापक की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।
जिला प्रशासन ने दी सफाई
जिलाधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि सिकंदरा गांव के 40 छात्रों को उनके अभिभावकों की सहमति से पास के पिलखनी गांव के एक खाली आंगनवाड़ी केंद्र में स्थानांतरित किया गया था। इसका उद्देश्य बच्चों को बेहतर और सुव्यवस्थित शैक्षिक वातावरण देना था। बावजूद इसके, सपा नेता द्वारा वहां जाकर प्रदर्शन करना नियमों का उल्लंघन माना गया है।
विभागीय जांच शुरू
इस मामले में प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए औराई के सहायक शिक्षा अधिकारी रमाकांत सिंगरौल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए हैं। वहीं, चौरी थाना प्रभारी रमेश कुमार ने बताया कि सपा नेता और उनके समर्थकों पर बीएनएस की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। वीडियो फुटेज के आधार पर अन्य लोगों की पहचान की जा रही है।
राजनीतिक हलकों में गर्माया मुद्दा
इस घटना को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है और स्कूल बंद कर रही है। अखिलेश ने कहा कि जब बच्चे ‘A for Apple’ की जगह ‘A for Akhilesh’ पढ़ रहे हैं, तो क्या फर्क पड़ता है, कम से कम वे कुछ तो पढ़ रहे हैं। उन्होंने ‘पीडीए पाठशाला’ को वंचित वर्ग के लिए जरूरी कदम बताया।
स्कूल मर्जर पर विपक्ष का हमला
जहां सरकार का कहना है कि स्कूल मर्जर से बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, वहीं सपा और कांग्रेस जैसे विपक्षी दल इसे गरीबों के खिलाफ बताया जा रहा है। ‘पीडीए पाठशाला’ इस योजना के विरोध का प्रतीक बन चुकी है, जिसमें सपा कार्यकर्ता जगह-जगह जाकर विरोध स्वरूप शिक्षण कक्षाएं चला रहे हैं। मामला अब प्रदेश में शिक्षा बनाम राजनीति की बहस का केंद्र बन गया है।