चुनावी जनसभाओं के लिए नई गाइडलाइंस जारी, 11 फरवरी तक रैलियों पर लगा प्रतिबंध

उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान होना है। इसकी शुरुआत 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी हिस्से के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान के साथ होगी। जिसके चलते अभी प्रत्याशी फील्ड पर उतर कर लोगों से बातचीत कर रहे हैं। इसी बीच एक बार फिर चुनाव आयोग ने अधिकतम 1,000 लोगों की सार्वजनिक सभा और 500 लोगों की अधिकतम क्षमता वाली इनडोर बैठकों की अनुमति दी है। डोर-टू-डोर कैंपेन के लिए अधिकतम बीस लोगों को अनुमति है। जो भी पार्टी नियमों का पालन नहीं करेगी उसके खिलाफ कार्रवाई भी हो सकती है।

कोरोना स्तिथि को देखते हुए किया गया फैसला

जानकारी के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे के साथ चुनावी राज्यों-गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में कोरोना की वर्तमान स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। इसके बाद इस संबंध में निर्णय लिया गया।

आयोग ने एक बयान में कहा कि 11 फरवरी, 2022 तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा और वाहन रैलियों तथा जुलूस की अनुमति नहीं देने का फैसला किया गया है। बयान में कहा गया कि आयोग ने चुनाव के सभी चरणों के लिए एक फरवरी, 2022 से निर्दिष्ट खुले स्थानों पर राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की जनसभाओं में मौजूदा संख्या पांच सौ की जगह अधिकतम एक हजार या मैदान की क्षमता का 50 प्रतिशत या राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) द्वारा निर्धारित सीमा के अनुसार, इनमें से जो भी कम हो, लोगों के शामिल होने की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है।

इनडोर बैठकों का हो सकेगा आयोजन

अधिकारियों ने बताया कि अन्य दिशा-निर्देश जारी रहेंगे। इसके साथ ही आयोग ने इनडोर बैठकों के लिए भी छूट देने का फैसला किया है। इसके तहत अब अधिकतम पांच सौ लोगों या हाल की क्षमता का 50 प्रतिशत अथवा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा निर्धारित सीमा के अनुसार इनडोर बैठकों का आयोजन किया जा सकेगा। इस समय तीन सौ लोगों के साथ इस तरह की बैठकों की अनुमति है।

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