इटावा पुलिस (Etawah Police) को बड़ी सफलता हाथ लगी है. एक ऐसे अन्तर्राष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश किया है जो टेलीकॉम कंपनियों की डिवाइसों को लूट ले जाते थे. पुलिस ने इनके पास से लगभग 3 करोड़ की डिवाइस बरामद की हैं. यह लोगों यहां से डिवाइस चुराकर विदेश में बेचा करते थे. इस हाइटेक गिरोह द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में डिवाइसें बेचे जाने पर एक साल में विदेशों से 10 करोड़ का ट्रांजेक्शन किया जाना पाया गया है. पुलिस ने इस गिरोह के 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. यह गैंग 2016 से सक्रिय बताया जा रहा है. खुलासा करने वाली टीम को ईनाम की घोषणा भी की गई है.
एसएसपी आकाश तोमर (SSP Akash Tomar) के निर्देशानुसार पुलिस टीम को हाइवे चेकिंग के दौरान थाना सिविल लाइन ,एसओजी टीम व सर्विलांस टीम के माध्यम से सफलता मिली है. इस गैंग ने 5 दिसंबर की रात में इटावा के जियो सर्वर रूम में सिक्योरिटी गार्ड की मदद से लूट की वारदात को अंजाम दिया था. कुछ दिन पहले बदमाशों ने आगरा में भी लूट का अंजाम दिया था. गैंग अब तक 50 करोड़ से अधिक की टेलीकॉम डिवाइस लूट कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेच चुका है. गिरफ्तार आरोपितों में वोडाफोन कंपनी में काम करने वाला बड़ा सीनियर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर चंदन पांडेय भी शामिल है. वह 2016 में ऐसे ही एक राजफाश में मेरठ जेल जा चुका है. वह लुटेरों को सीक्रेट डिवाइसों की लोकेशन की जानकारी देता था, जिसके बाद लुटेरे घटना को अंजाम देते थे.
पकड़े गए लुटेरों में कोरियर कंपनी का संचालक भी शामिल है, जो लूट की डिवाइसों को विदेशी एजेंटो को भेजने का काम करता था. पिछले एक साल में 10 करोड़ से ज्यादा रकम विदेशों से गैंग के के सदस्यों खातों में आ चुकी है. हाईटेक गैंग के सदस्य अमेरिका, मोरक्को, इटली सहित कई देशों की यात्रा कर चुके हैं. गैंग में कई देशी विदेशी बड़े लोग शामिल हैं. इनके विदेशी सहयोगियों को पकडऩे के लिए सीबीआई और इंटरपोल की मदद ली जाएगी.
पुलिस पूछताछ में वोडाफोन कंपनी में सीनियर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रहे चंदन पांडेय ने बताया कि वह गैंग के सदस्यों के साथ इस तरह का काम पिछले कई सालों से करता आ रहा है. लूटे हुए माल को भारत में तथा भारत के बाहर विदेशों में शिपिग के माध्यम से दलालों को भेजते हैं तथा रुपयों का लेन-देन पे-पाल गेटवे के माध्यम से करते हैं. पैसा आने पर गैंग के अन्य सदस्यों को सरगना राजेश पाल द्वारा काम के अनुसार बांट दिया जाता है. मुख्य सरगना द्वारा सभी लोगों को कार्य का वितरण उनके विशेषता के अनुसार किया जाता था, जिसके कारण गैंग अभी तक पुलिस की गिरफ्त में आने से बचता रहा. इटावा तथा आगरा से लूटे गए जियो कंपनी के कार्डों में से 6 आरएसपी, लाइन कार्ड विदेशों में स्थित अपने दलालों के माध्यम से बेच दिए तथा पैसा आपस में बांट लिया. शेष माल व अन्य जगह से लूटे हुए माल को पूर्व योजना के अनुसार बेचने के लिए लखनऊ जा रहे थे. जहां पर बंगलुरू से माल खरीदने वाले कुछ व्यक्ति आ रहे थे.
बदमाशों से मिले अन्य सामान के बारे में भी इटावा पुलिस द्वारा विभिन्न जनपदों एवं राज्यों से जानकारी की जा रही है. पुलिस टीम द्वारा सर्वर-टॉवरों के उपकरणों के संबंध में कड़ाई से पूछताछ करने पर अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि गैंग मोबाइल कंपनियों के सर्वर रूमों की रेकी कर सर्वर-टॉवरों के उपकरणों की लूट करता रहा है. बरामद उपकरणों में से कुछ उपकरण पांच दिसंबर की रात को थाना सिविल लाइन क्षेत्रांतंर्गत जियो सर्वर-टावर के सिक्योरिटी गार्ड को बांधकर लूटे थे. इनमें से कुछ उपकरण एक माह पहले छह नवंबर की रात को जनपद आगरा में जियो सर्वर-टावर के एक्सचेंज से लूटे थे तथा गार्ड को रूनकता के पास फेंक दिया था. कुछ अन्य माल अन्य स्थानों से लूटा था. लूट के माल को देश के विभिन्न शहरों दिल्ली, बंगलुरू, लखनऊ एवं भारत से बाहर यूके व यूएसए में बेचते हैं तथा लूट के माल को बेचकर जो रकम मिलती उसे काम के हिसाब से आपस में बांट लेते थे.
पुलिस टीम को 1.75 लाख रूपए व सिल्वर डिस्क सम्मान की घोषणा
एसएसपी आकाश तोमर ने घटना का राजफाश करने वाली क्राइम ब्रांच, सर्विलांस टीम और सिविल लाइन थाना पुलिस को अपनी तरफ से 25 हजार, आईजी की तरफ से 50 हजार और एडीजी की तरफ से 1 लाख का इनाम देने की जानकारी दी. मुख्य सचिव गृह ने भी टीम को सिल्वर डिस्क सम्मान दिलवाने की घोषणा की है.
INPUT- Vivek Dubey
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