यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने कहा कि भारत के अलग-अलग राज्यों के खानपान (Indian Food) भले ही अलग-अलग हों, लेकिन इस खानपान में जो स्वाद और ऊर्जा है वो एक जैसी होती है. उन्होंने कहा कि हर महानगर के अंदर खान-पान की एक ऐसी गली बनाएं जहां लोगों को विभिन्न समाजों से जुड़े खाने-पीने का सामान मिल सके.
योगी ने कहा कि ये खान पान गली लोगों को विभिन्न राज्यों के खानपान और परिवेश से परिचित कराएगी, तथा लोग परिवार के साथ जाकर देख भी सकेंगे कि अगर उन्हें तमिलनाडु जाना है तो वहां खाने को क्या मिलेगा, पंजाब जाना है तो वहां क्या मिलेगा, केरल और उत्तराखंड जैसी जगहों पर जाएंगे तो क्या खाने को मिलेगा क्योंकि ये सभी खानपान विशिष्ट हैं.
सीएम ने कहा कि ऐसा प्रयास होना चाहिए कि कुछ विशिष्ट गलियां बनें जो खानपान के लिए ही चिन्हित हों और वो भी अलग-अलग परंपरा से जुड़ी हों. यहां तमिल का खानपान भी हो, मलयालम का भी हो, तेलुगू भी हो, राजस्थानी भी हो, पंजाबी भी हो, सिंधी भी हो, उत्तराखंडी भी हो और उत्तराखंड में भी गढ़वाल का भी हो, कुमाऊं का भी हो, जौनसार का भी हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे ही उत्तर प्रदेश में भोजपुर, अवध, बुंदेलखंड और ब्रज का भी हो. ये सभी संस्कृतियां देश की ताकत हैं. इसके साथ जुड़ा हमारा इतिहास, हमारा गौरव और गौरव की अनुभूति किसी भी समाज को आगे बढ़ाने का कार्य करता है. इसे निरंतरता के साथ आगे बढ़ाने की भी आवश्यकता है. योगी ने कहा कि हम सब जानते हैं कि भारत की विशेषता है कि उसमें अनेकता है. खान पान, वेशभूषा, भाषा, इन सब में अनेकता है, लेकिन भाव और भंगिमा हम सबकी एक है.
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