उत्तर प्रदेश के वाराणसी में उस वक्त हड़कंप मच गया जब ईवीएम मशीनों के साथ आम जनता की वीडियो वायरल होने लगीं। दरअसल, वाहन से ईवीएम बाहर भेजे जाने से खफा सपा कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को पहड़िया मंडी में गड़बड़ी का आरोप लगाकर जमकर हंगामा किया। इस दौरान ईवीएम बाहर ले जाते हुए वाहन को सपा कार्यकर्ताओं ने पकड़ा और चालक को बंधक बना लिया। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान जब प्रशासन और शासन के अफसर वहां पहुंचे तो उन्होंने लोगों को समझाने का प्रयास किया। वहीं डीएम ने ये जानकारी दी कि ये ईवीएम मशीनें ट्रेनिंग के लिए थीं, जोकि असल वाली से बिलकुल अलग होती हैं।
सपा कार्यकर्ताओं ने काटा हंगामा
जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के पहाड़िया मंडी में सपा कार्यकर्ताओं ने एक गाड़ी में कुछ ईवीएम मशीन देखकर विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। सपा कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ईवीएम मशीन को बदला जा रहा है। इस दौरान आक्रोशित सपा कार्यकर्ता स्ट्रांग रूम तक पहुंच गए, जहां सुरक्षा में तैनात अर्धसैनिक बलों और पुलिसकर्मियों से उनकी नोकझोंक भी हुई। रात तक लगभग दो हजार से अधिक सपा कार्यकर्ता पहड़िया मंडी पहुंच गए। पांडेयपुर-आशापुर मार्ग को जाम कर दिया
All candidates have been called, list of EVMs that were used on polling day were mailed to them. Hard copy being given today. These 20 EVMs (for training), are separately kept in vehicle. Numbers are being matched & shown to candidates that these are not polled EVMs: Varanasi DM pic.twitter.com/jdUg0Utnsc
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 8, 2022
हालत बिगड़ने के बाद जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ईवीएम प्रशिक्षण के लिए मंडी में स्थित अलग खाद गोदाम में बने स्टोरेज से यूपी कॉलेज जा रही थी, जिसे कुछ राजनीतिक लोगों ने रोक दिया और उसे चुनाव में प्रयोग किया गया ईवीएम बताकर अफवाह फैलाई। जिलाधिकारी ने कहा कि जो ईवीएम चुनाव में प्रयोग हुई थी वह सब स्ट्रॉन्ग रूम में सीआरपीएफ के कब्जे में सील बंद है और सीसीटीवी की निगरानी में है। इसे सभी राजनीतिक दलों के लोग देख रहे हैं। शर्मा ने कहा कि 9 मार्च को काउंटिंग ड्यूटी में लगे कर्मचारियों की दूसरी ट्रेनिंग है। हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के लिए ये मशीनें ट्रेनिंग में हमेशा प्रयोग की जाती हैं।
It has been brought to notice that some EVMs were being carried in a vehicle in Varanasi which was objected by the political representatives present there. In the investigation, it has been found that these EVMs were marked for training: Chief Electoral Officer, Uttar Pradesh pic.twitter.com/HE0y0BxszV
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 8, 2022
मंडल आयुक्त ने मानी गलती
वाराणसी के डिविजनल कमिश्नर यानी मंडल आयुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि ट्रेनिंग के लिए ले जाए जाने वाले ईवीएम के मूवमेंट में प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। हालांकि, उन्होंने भी स्पष्ट तौर पर कहा कि ये ईवीएम वोटिंग वाले ईवीएम से पूरी तरह अलग हैं, चाहें तो प्रत्याशी इसका मिलान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो ईवीएम गाड़ी में मिली हैं, उसका मिलाना पोलिंग में यूज हुई ईवीएम से कर लें, अगर नंबर मिलता है तो हमलोग दोषी हैं, मगर ऐसा नहीं है। यहां सारे प्रेक्षक बैठे हैं। उन्होंने कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि वोटिंग वाले ईवीएम से छेड़छाड़ इम्पॉसिबल है। थ्री लेयर सिक्योरिटी होती है।
अखिलेश यादव ने लगाया आरोप
सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा कि यह वाराणसी का डीएम गड़बड़ी करा रहा है। मैं बहुत अच्छे से इसे जनता हूं। यह डीएम किसके अंडर में काम कर रहा है, ये सब जानते हैं। चुनाव आयोग को जिलाधिकारी बनारस पर त्वरित रूप से कार्रवाई करनी चाहिए। मुझे चुनाव आयोग से कोई उम्मीद नहीं है। लोगों को खुद लड़ना पड़ेगा लोकतंत्र बचाने के लिए। मैंने काउंटिंग सेंटर पर जैमर की भी मांग करी है, ताकि कोई टेक्निकल ब्रीच ना हो। जो भविष्यवाणी सत्ता में बैठे लोग करें, वह एग्जिट पोल में हूबहू कैसे आ सकता है?
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