Cough Syrup Case: कफ सिरप (Cough Syrup) की तस्करी की जांच कर रही एसआईटी (SIT) को अहम सफलता मिली है। जांच में पता चला है कि त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर द्वारा जब्त की गई कफ सिरप और शुभम जायसवाल की फर्म शैली ट्रेडर्स के जरिए बेची गई सिरप का बैच नंबर एक ही है। इस सुराग के बाद एसआईटी ने सिंडिकेट से जुड़े सभी लोगों पर शिकंजा कसते हुए विवेचकों से एक सप्ताह के भीतर फर्मों और कंपनियों के बीच हुए लेन-देन का पूरा ब्योरा मांगा है।
बांग्लादेश भेजी गई पूरी खेप
सूत्रों के अनुसार जांच में सामने आया है कि शुभम जायसवाल (Shubham Jaiswal) ने अपने करीबी लोगों के नाम पर बनी फर्मों के जरिए खरीदी गई कफ सिरप की पूरी खेप पूर्वोत्तर राज्यों के रास्ते बांग्लादेश भेज दी। हैरानी की बात यह है कि अब तक एक भी बोतल किसी स्थानीय या फुटकर कारोबारी को बेचे जाने के सबूत नहीं मिले हैं। साथ ही, विदेश भेजी गई सिरप का भुगतान कुछ फर्जी कंपनियों के माध्यम से वापस मंगाए जाने की भी पुष्टि हुई है।
शेल कंपनियों से भुगतान की जांच
एसआईटी ने विवेचकों को निर्देश दिए हैं कि वे गहन जांच कर यह पता लगाएं कि किन कंपनियों के जरिए डायवर्जन कर सिंडिकेट को भुगतान किया गया। इसके लिए एक विशेष टीम गठित की जाएगी, जो ट्रांजेक्शन में शामिल शेल कंपनियों की पहचान करेगी और पूरे पैसे के रास्ते को उजागर करेगी।
312 करोड़ के स्रोत पर ईडी की नजर
इधर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया है कि शुभम जायसवाल ने एबॉट फार्मास्युटिकल्स से 2.24 करोड़ बोतल कफ सिरप खरीदने के लिए करीब 312 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। यह रकम शुभम के पास कहां से आई, इसकी गहराई से जांच की जा रही है। ईडी संबंधित थोक व्यापारियों और फर्मों के बैंक खातों की पड़ताल कर रही है। आशंका जताई जा रही है कि यह धन किसी माफिया के जरिए उपलब्ध कराया गया हो सकता है।
फर्जी आधार का खुलासा
जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि शुभम जायसवाल ने रांची में फर्जी आधार कार्ड बनवाकर शैली ट्रेडर्स के नाम से फर्म और बैंक खाता खोला था। वहीं, ड्रग लाइसेंस हासिल करने के लिए फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाए गए। कई फर्में उसने रिश्तेदारों के नाम पर खोलीं, लेकिन संचालन खुद करता था। इस पूरे मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य सहयोगियों की भूमिका भी सामने आई है। एसआईटी ने विदेश भाग चुके आरोपियों के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और अब तक 12 फरार आरोपियों पर लुकआउट सर्कुलर जारी किया जा चुका है।
















































