यूपी के अलीगढ़ जिले में स्थित एक होटल में कुछ महीने पहले एक सिपाही का शव मिला था। पुलिस ने तो मामले को आत्महत्या बता दिया लेकिन मृतक के परिजन सिपाही की मौत के बाद से आज तक न्याय मांगते हुए भटक रहे हैं। उनका है कि सिपाही की हत्या हुई है। इसी मामले में सोमवार को सिपाही के परिजन एडीजी से मुलाकात करने पहुंचे थे। एडीजी ने सिपाही के स्वजनों को जांच का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही मृतक के एक आश्रित को नौकरी दिलाने का प्रस्ताव भी रखा।
एडीजी ने कहा ये
जानकारी के मुताबिक, सपोर्ट इंडिया के अध्यक्ष सुरेश सोनी और महासचिव बृजेश चाहर की अगुवाई में सोमवार को सिपाही के स्वजन व ग्रामीणों ने एडीजी राजीव कृष्ण से मुलाकात की। बताया कि चार माह बाद भी सिपाही लोकेंद्र चाहर की मौत की घटना से पर्दा नहीं उठ सका है। आरोप लगाया कि इस मामले में अलीगढ़ पुलिस ने लापरवाही बरती है। एडीजी ने घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाने का भरोसा दिया। वहीं मृतक के स्वजन को नौकरी देने का प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा।
ये है मामला
फतेहपुर सीकरी के गांव बैमन निवासी महेश चाहर ने बताया कि उनके भाई लोकेंद्र सिंह चाहर 2018 बैच के सिपाही थे। वह अलीगढ़ के पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात थे। उनका शव होटल के कमरे में मिला था। उन्हें पुलिस ने बताया कि फांसी पर लटके मिले हैं। मगर, जब तक वो पहुंचे लोकेंद्र के शव को उतारा जा चुका था। परिजनों ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लोकेंद्र सिंह चाहर की मौत का कारण फांसी लगने से मौत आया है। मगर, उसका शरीर नीला पड़ा हुआ था। इससे हत्या की आशंका है। वह तहरीर दे चुके हैं। मगर, कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
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