शिया यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की फिल्म राम जन्मभूमि फिर विवादों में है. ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की मध्यप्रदेश इकाई ने फिल्म पर मंगलवार को दो फतवे जारी किए हैं. जिसमें पहला फ़िल्म की अदाकारा नाजनीन पाटनी को इस्लाम से खारिज कर दिया गया गया है.बोर्ड ने यह फतवा शरीयत ए इस्लामिया की रोशनी में पूछे गए सवाल पर दिया है.
बोर्ड के अध्यक्ष काजी सैय्यद अनस अली नदवी ने बताया कि सवाल था कि महिला को खुलेआम जिस्म की नुमाइश करने, इस्लाम मुखालिफ किरदार अदा करने और इस्लाम की गलत तस्वीर पेश करने पर शरीयत में क्या हुक्म है? इस पर नाजनीन पाटनी के खिलाफ यह फतवा दिया गया है.
ऑल इंडिया उलमा बोर्ड, मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष नूर उल्लाह यूसुफ जई ने कहा, फिल्म ‘राम जन्मभूमि’ न सिर्फ विवादित है, बल्कि दो समुदायों के बीच नफरत पैदा करने वाली है. इस फिल्म में शरीयत के साथ खिलवाड़ किया गया है. इस्लाम के दो अहम और संजीदा मुद्दों को विवादित करने की कोशिश की गई है. इस फिल्म में तीन तलाक को गलत तरह से पेश किया गया है. इसके अलावा, इसमें बताया गया है कि एक ससुर बहू के साथ हलाला करता है. यह पूरे तौर पर गलत है. पूरी दुनिया में इसकी मिसाल नहीं मिलती. इसने मुस्लिम समुदाय के जज्बात को बुरी तरह आहत किया है. बोर्ड यह बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा कि शरियत से कोई खिलवाड़ करे. इस फिल्म पर सरकार 48 घंटे में रोक लगाए अन्यथा बोर्ड अदालत का दरवाजा खटखटाएगा.
उधर, शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन व फिल्म के निर्माता वसीम रिजवी ने इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा कि पहले फिल्म रोकने को लेकर धमकी और अब फतवा देकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. यह शर्मनाक है.
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