विधानसभा चुनाव के छठवें चरण में 10 जिलों में 3 मार्च को मतदान कराया जाएगा। छठे चरण में बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, गोरखपुर, संतकबीर नगर, बस्ती, अंबेडकर नगर, देवरिया, बलिया में वोटिंग होगी। इन जिलों की 57 सीटों के लिए मतदान होने हैं। इन सभी जिलों में आज शाम 6 बजे से प्रचार प्रसार भी बंद हो जाएगा। इस चरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चुनावी किस्मत का भी फैसला होगा। इसके साथ ही प्रदेश के कई बड़े दिग्गज इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएंगे।
दाव पर लगी इन नेताओं की किस्मत
जानकारी के मुताबिक, पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे योगी आदित्यनाथ गोरखपुर सदर सीट से मैदान में हैं। 31 सालों से यह सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ रहा है। इस सीट पर योगी आदित्यनाथ को नए चेहरे चुनौती दे रहे हैं। सपा ने पूर्व बीजेपी उपाध्यक्ष स्वर्गीय उपेंद्र दत्त शुक्ला की पत्नी सुभावती शुक्ल को मैदान में उतारा है। आजाद समाज पार्टी से चंद्रशेखर जाद मैदान में हैं। गुटवहीं बसपा ने ख्वाजा शम्सुद्दीन तो कांग्रेस ने चेतना पांडे को मैदान में उतारा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खड़े सभी उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।
छठे चरण में कई नेता ऐसे हैं जो कई सालों से अपने क्षेत्र से जीतते रहे हैं। इतना ही नहीं 2017 में बीजेपी की आंधी में भी वे अपना गढ़ बचाने में कामयाब रहे। माता प्रसाद पांडे जिन्हें इटवा से सतीश चंद्र द्विवेदी ने हराया था, उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर है। इसके अलावा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य इस बार पडरौना की जगह फाजिलनगर से मैदान में हैं. इसके पहले वह दो बार 2012 व 2017 में पडरौना सीट से विधायक चुने गए। अगर फाजिलनगर सीट की बात करें तो यह सीट 2012 और 2017 में बीजेपी का कब्जा रहा है। इस बार स्वामी प्रसाद मौर्य के मैदान में उतरने से यह सीट हाई प्रोफाइल हो गई है। साथ ही स्वामी प्रसाद की प्रतिष्ठा भी दांव पर है कि वह यह सीट सपा की झोली में डालें।
सोहरतगढ़ की इटावा विधानसभा सीट भी सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी है. इस सीट से सपा के माता प्रसाद पांडेय वर्ष 2002 से 2012 तक लगातार तीन बार जीते, लेकिन वर्ष 2017 में वह हार गए। माता प्रसाद पांडेय इस बार फिर सपा से और सतीश चंद्र द्विवेदी बीजेपी से मैदान में हैं। इसके अलावा अंबेडकरनगर की तीन सीटें भी काफी महत्वपूर्ण है। कटेहरी सीट बसपा का गढ़ माना जाता है। पिछली बार इस सीट से लालजी वर्मा जीते थे, लेकिन वह इस बार सपा के टिकट पर मैदान में हैं। इसके अलावा जलालपुर सीट से राकेश पांडे, अकबरपुर सीट से रामचल राजभर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
बलिया में इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
बलिया जिले में भी इस बार दिलचस्प लड़ाई देखने को मिल रही है। रसड़ा सीट पर बसपा के उमाशंकर सिंह जीत की हैट्रिक लगाने के फ़िराक में हैं। तो वहीं बांसडीह सीट से रामगोविंद चौधरी लगातार दो बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं।इस बार उनके सामने भी सीट बचाने की चुनौती है।
इन सीटों पर होगी वोटिंग
जिन जिलों की 57 सीटों के लिए मतदान होने हैं। जिनमे कटेहारी, टांडा, अलापुर (एससी), जलालपुर, अकबरपुर, तुलसीपुर, गेनसारी, उतरौला, बलरामपुर (एससी), शोहरतगढ़, कपिलवस्तु (एससी), बंसी, इतवा, डोमरियागंज, हररैय्या, कप्तानगंज, रुधौली, बस्ती सदरी, महादेवा (एससी), मेंहदावली, खलीलाबाद, धनघाटा (एससी), फरेंदा, नौतनवा, सिसवा, महाराजगंज (एससी), पनियार, कैम्पियारगंज, पिपराइचो, गोरखपुर अर्बन, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवा, खजानी (एससी), चौरी-चौरा, बांसगांव (एससी), चिलुपारी, खड्ड, पडरौना, तमकुही राजो, फाजिलनगर, कुशीनगर, हट, रामकोला (एससी), रुद्रपुर, देवरिया, पथरदेव, रामपुर कारखाना, भाटपर रानी, सलेमपुर (एससी), बरहाजो, बेलथरा रोड (एससी), रसरस, सिकंदरपुर, फेफाना, बलिया नगर, बांसडीह, बैरिया शामिल हैं।
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