गोवा के अरपोरा इलाके में बने हाई-प्रोफाइल नाइट क्लब ‘बर्च बाय रोमियो लेन’ में लगी आग ने 25 जिंदगियों को लील लिया20 कर्मचारी और 5 टूरिस्ट। यह सिर्फ एक हादसा नहीं था, बल्कि एक ऐसी चेन रिएक्शन थी जिसने दिल्ली से दुबई तक फैले करोड़ों के क्लब नेटवर्क की परतें खोलकर रख दीं। नाम सामने आए-सौरभ लूथरा, गौरव लूथरा और उनका करीबी सहयोगी अजय गुप्ता। तीनों दिल्ली से निकले, सपनों की उड़ान भरी, सैकड़ों करोड़ का बिजनेस खड़ा किया… और अब वही तीनों देश भर की पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड बन चुके हैं। यह कहानी सिर्फ एक क्लब चेन की नहीं, बल्कि उस साम्राज्य की है जिसने देखते-देखते 22 शहरों और चार देशों में डांसफ्लोर, बार और फाइन डाइनिंग का जाल बुन दिया।
दिल्ली के एक साधारण परिवार में पले सौरभ लूथरा की कहानी फिल्मों जैसी लगती है। सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी से बीटेक करते हुए वह गोल्ड मेडलिस्ट था। पढ़ाई में तेज, दिमाग फुर्तीला और महत्वाकांक्षा बड़ी। इंजीनियरिंग के बाद 10 साल उसने मल्टीनेशनल कंपनियों में गुज़ारे, जहां वह विदेशी क्लाइंट्स से सीधे डील करता था। लेकिन नौकरी उसके सपनों के लिए छोटी पड़ रही थी। 2016 में उसने एक बड़ा फैसला लिया-‘अब अपना ब्रांड खड़ा करूंगा।’
दिल्ली में पहला रेस्तरां खोला और यह शुरुआत थी उस सफर की जिसने उसे भारत के सबसे बड़े नाइटलाइफ़ ब्रांड मालिकों में से एक बना दिया। सौरभ चेहरे पर दिखने वाला चेहरा था इंटरव्यू देता, सोशल मीडिया पर पोस्ट करता, नए आउटलेट लॉन्च करता। रोमियो लेन हो, मामा ब्वॉय हो या बर्च बाय रोमियो लेन हर जगह उसका नाम ब्रांडिंग के साथ चलता था। सिर्फ दो हफ्ते पहले फोर्ब्स इंडिया ने उसे भारत के नाइटलाइफ सेक्टर का उभरता सितारा बताया था। उसने इसे गर्व से अपने इंस्टाग्राम पर भी साझा किया था।
कितनी तेज़ी से सब कुछ बदला… किसी ने सोचा न था। जहां सौरभ शोमैन था, वहीं उसका भाई गौरव लूथरा पूरे साम्राज्य की बैकबोन माना जाता है। गौरव स्पॉटलाइट से दूर रहता है, लेकिन क्लब के ऑपरेशन, मार्केटिंग स्ट्रक्चर, स्टाफिंग, लॉजिस्टिक्स और फाइनेंशियल नेटवर्क को मजबूत बनाने में वही सबसे अहम भूमिका निभाता था। लोग कहते हैं कि सौरभ शो चलाता था, मगर शो को खड़ा रखने के लिए जो मशीनरी चाहिए, वह गौरव के दिमाग से निकलती थी।
अजय गुप्ता इन दोनों भाइयों का तीसरा भरोसेमंद साथी था। दिल्ली का रहने वाला अजय क्लब नेटवर्क को नए शहरों, नए बिजनेस पार्टनर्स और निवेशकों तक ले जाने का काम संभालता था। हालांकि उसकी भूमिका लूथरा भाइयों जितनी बड़ी नहीं मानी जाती, लेकिन पूरे सिस्टम को चलाने में वह एक अहम कड़ी था। सौरभ लूथरा की कंपनी Romeo Lane, Mamas Buoi, Birch by Romeo Lane और Being GS जैसे ब्रांडों के साथ देशभर में छाई हुई थी।
दिल्ली, नागपुर, आगरा, देहरादून, गोवा हर जगह इनके आउटलेट। विदेश में भी दुबई तक उनकी चेन फैल चुकी थी। फ्रेंचाइज़ी इतनी पॉपुलर थी कि कई जगह निवेशक खुद निर्माण का खर्च उठाने के लिए तैयार रहते थे। नोएडा की गौर सिटी में भी नया क्लब खुलने वाला था। और इसी चमक-दमक के बीच गोवा का वह क्लब खड़ा था जिसने 25 लोगों की जान ले ली। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार लूथरा भाइयों की सालाना कमाई 200–300 करोड़ रुपए के बीच मानी जाती है। दिल्ली में करोड़ों की प्रॉपर्टी, लग्जरी कारें, गोवा में बड़ी-बड़ी जगहों पर क्लब यह पूरा साम्राज्य सिर्फ कुछ ही सालों में बना था।
-दिखने में सब परफेक्ट लगता था… जब तक बर्च बाय रोमियो लेन राख में नहीं बदल गया। बर्च बाय रोमियो लेन को 2023 में अरपोरा नागोवा पंचायत ने अनुमति दी थी। इसी पंचायत ने क्लब का लाइसेंस जारी किया था। क्लब तेजी से गोवा के सबसे पॉपुलर नाइट स्पॉट्स में शामिल हुआ पर अब वही जगह खंडहर बन चुकी है। ट्रेजडी के बाद गोवा पुलिस हरकत में आई और एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई की।
गोवा में रोमियो लेन चेन की दो प्रॉपर्टीज को सील कर दिया गया। एक बीच कैफे और आसगांव का क्लब भी जांच के दायरे में आ गया। सौरभ लूथरा, गौरव लूथरा और अजय गुप्ता पर गैर-इरादतन हत्या सहित कई धाराओं में केस दर्ज हुआ। लेकिन अधिकारी बताते हैं तीनों घटना के तुरंत बाद फरार हो गए। देशभर में इनके लोकेशन की तलाश जारी है। दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र और गोवा में रेडें की जा रही हैं।
क्लब के ऑपरेशन संभालने वाले चार कर्मचारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। राजीव मोदक चीफ मैनेजर, विवेक सिंह मैनेजर, राजीव सिंघानिया बार मैनेजर और रियांशु ठाकुर गेट मैनेजर। इन पर सुरक्षा नियमों की अनदेखी, क्षमता से ज्यादा भीड़, आपातकालीन निकास न होने और फायर सेफ्टी उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। जांच अधिकारियों के अनुसार, कई फायर एग्जिट ब्लॉक थे, इमारत में फायर-फाइटिंग सिस्टम नाकाम था, बिजली के वायरिंग में गंभीर खामियां थीं, क्लब की क्षमता से दोगुने लोग मौजूद थे।
यानी, हादसा किसी एक गलती का नहीं, बल्कि कई स्तर पर हुई लापरवाही और लालच का नतीजा था। एक तरफ उनका ग्लोबल नाइटलाइफ़ नेटवर्क खड़ा था, तो दूसरी तरफ आग की लपटों ने सब कुछ खत्म कर दिया। दुबई और बाकी शहरों के आउटलेट्स पर भी जांच की मांग उठ चुकी है। फ्रेंचाइज़ी होल्डर्स डर में हैं कहीं हमारे आउटलेट भी सरकारी कार्रवाई की जद में न आ जाएं। पुलिस का दावा है कि लूथरा बंधुओं और अजय गुप्ता के देश छोड़ने की संभावना पर भी जांच हो रही है।
एयरपोर्ट्स पर अलर्ट है, लुक आउट नोटिस की प्रक्रिया चल रही है। गोवा पुलिस दिल्ली पुलिस के संपर्क में है। उनके बैंक अकाउंट, मोबाइल लोकेशन और यात्रा रिकॉर्ड की जांच हो रही है। पर फिलहाल तीनों के ठिकाने का कोई सुराग नहीं। 25 परिवारों की रोती आंखों के बीच सबसे बड़ा सवाल यही है क्या सिर्फ मैनेजरों को जेल भेजने से न्याय पूरा होगा? क्या करोड़ों कमाने वाले मालिक जिम्मेदारी से बच जाएंगे? कब पकड़े जाएंगे वे तीन चेहरे जिनके बनाए साम्राज्य में 25 जिंदगियां राख बन गईं?
गोवा पुलिस का कहना है, किसी को छोड़ा नहीं जाएगा। फरार मालिकों को पकड़कर ही केस पूरा होगा। अब देश की नजरें उन तीन नामों पर टिकी हैं सौरभ लूथरा, गौरव लूथरा और अजय गुप्ता। जिनकी चमकदार नाइट लाइफ दुनिया अब जांच और गिरफ्तारी की परछाइयों में घिर चुकी है।


















































