राजधानी लखनऊ (Lucknow) में रोडवेज बस अड्डों की तर्ज पर अब निजी बसों के लिए भी आधुनिक बस पार्क बनाए जाएंगे। इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की जमीन पर पांच स्थानों को पहले ही चिन्हित किया जा चुका है, जबकि अन्य स्थानों के लिए आवेदन भी आमंत्रित किए गए हैं। यह प्रोजेक्ट प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर आधारित होगा।
यात्रियों के लिए सुविधाएं
प्रस्तावित बस अड्डों में कुल भूमि का 70 प्रतिशत हिस्सा खुला रहेगा, जिसमें बसों की पार्किंग और उनके चलने के लिए मार्ग होंगे। शेष 30 प्रतिशत भूमि पर व्यावसायिक और यात्री सुविधाएं जैसे वेटिंग एरिया, कैफेटेरिया, टिकट काउंटर, शौचालय आदि विकसित किए जाएंगे। डेवलपर को व्यावसायिक उपयोग की अनुमति इसी क्षेत्र में मिलेगी।
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निवेशकों को मिलेगा मौका, भूमि की होगी तहसील से जांच
जिलाधिकारी विशाख जी के नेतृत्व में इस नीति का कार्यान्वयन शुरू हो गया है। एलडीए ने बसंतकुंज, मोहनलालगंज, मोहान रोड, जुग्गौर और सुलतानपुर रोड पर 165 एकड़ भूमि बस टर्मिनल के लिए चिन्हित की है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि इन स्थलों की तहसील स्तर पर जांच कराई जाए और 20 जून तक इच्छुक निवेशकों के साथ बैठक आयोजित की जाए।
यात्री सुरक्षा प्राथमिकता, आवागमन के लिए होंगे अलग मार्ग
यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा जाएगा। उनके लिए अलग मार्ग बनाए जाएंगे ताकि उन्हें बस पार्क में आवाजाही के दौरान कोई असुविधा न हो। बसों से सर्विस चार्ज वसूला जाएगा, जिसकी दरें जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति तय करेगी।
नीति 2025 के तहत बस अड्डों का विस्तार
प्रदेश सरकार ने स्टेज कैरिज, कांट्रैक्ट कैरिज और ऑल इंडिया टूरिस्ट बसों के लिए निजी निवेश से बस पार्क, बस अड्डों की स्थापना के लिए स्थापना एवं विनियमन नीति 2025 लागू की है। इसके तहत एलडीए की चिन्हित जमीन के साथ-साथ नगर निगम और अन्य सरकारी संस्थाओं की जमीन का भी उपयोग किया जा सकता है।
निजी बसों के लिए अब सड़क पर खड़ा करना नहीं पड़ेगा
इस योजना से सड़कों पर अनियमित रूप से खड़ी निजी बसों की समस्या का समाधान होगा और ट्रैफिक व्यवस्था भी बेहतर होगी। एआरटीओ प्रशासन प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इस योजना से निजी क्षेत्र को अवसर मिलेगा और सभी गतिविधियों की निगरानी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित नियामक प्राधिकरण द्वारा की जाएगी।