उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह को लेकर फैली हिंसा के मामले में पूर्व आईएएस अफसरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगा है। इतना ही नहीं, इन रिटायर्ड आईएएस अफसरों ने बुलंदशहर हिंसा को योगी सरकार की नाकामी बताया है। यही वजह है कि करीब तीन दर्जन रिटायर्ड आईएएस अफसरों ने सीएम योगी के इस्तीफे की मांग की है।
अफसर बोले- सिर्फ गोकशी पर ध्यान दे रहे सीएम योगी
इन पूर्व आईएएस अफसरों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर हिंसा को गंभीरता से नहीं लिया था। मुख्यमंत्री के नाम भेजे गए अपने पत्र में रिटायर्ड अफसरों ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ सिर्फ गोकशी के मामलों पर ध्यान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफा मांगने वालों में पूर्व अफसर बृजेश कुमार, अदिति मेहता, सुनील मित्रा जैसे बड़े अफसर शामिल हैं। इन सभी अफसरों ने आरोप लगाया कि बुलंदशहर हिंसा को राजनीतिक रंग दिया गया है।इन पूर्व नौकरशाहों का पत्र अब सामने आया है, जब बुलंदशहर हिंसा की जांच एसआईटी ने पूरी कर ली है।
पुलिसवाले का मारा जाना दर्दनाक
एसआईटी की जांच में सामने आया है कि हिंसा से पहले गोकशी हुई थी, जिसके आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इससे पहले भी कई मामलों को लेकर खुला खत लिख चुके हैं। वहीं, बुलंदशहर की हिंसा में स्याना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का भीड़ द्वारा मारे जाने को पूर्व आईएएस अधिकारियों ने दर्दनाक बताया है।
Also Read : पुरानी पेंशन बहाली: मीटिंग में नहीं सुलझा मामला, कर्मचारियों-शिक्षकों ने दी हड़ताल पर जाने की चेतावनी
उनका कहना है कि इससे राज्या की कानून व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े होते हैं। बताया जा रहा है कि इन अफसरों ने अपील की है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय इस मामले को संज्ञान में ले और हिंसा से जुड़े पूरे मामले की जांच हो। बता दें कि गोकशी को लेकर फैली हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित नामक युवक की मौत हो गई थी।