चित्रकूट गैंगरेप मामले में आज कोर्ट ने आरोपी सपा कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति समेत तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
मामले में गायत्री प्रजापति के साथ आशीष शुक्ला, अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इसके साथ कोर्ट ने 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। वहीं दूसरी तरफ इसी मामले में विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह, पिंटू और चंद्रपाल को कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि 15 मार्च 2017 को इस मामले में प्रजापति को गिरफ्तार किया गया था।
एमपी एमएलए कोर्ट ने ठहराया दोषी
जानकारी के मुताबिक, चित्रकूट में हुए बलात्कार मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अलावा अशोक तिवारी व आशीष शुक्ला को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए कोर्ट ने दो लाख का जुर्माना लगाया है। तीनों को धारा 376 डी एवं 5जी/6 पास्को एक्ट में दोषी करार दिया गया है। चित्रकूट की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उसकी नाबालिग बेटी के साथ अश्लील हरकत के आरोपी पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति और उसके सहयोगी आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी ठहराया था। कोर्ट ने इसी मामले में आरोपी रहे अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा, चंद्रपाल व रुपेश्वर उर्फ रुपेश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।
इस मामले में निकले दोषी
गौरतलब है कि, समाजवादी सरकार में गायत्री प्रसाद प्रजापति खनन मंत्री रह चुके हैं। गायत्री और छह अन्य लोगों पर चित्रकूट की एक महिला ने अपनी नाबालिग बेटी संग गैंगरेप का आरोप लगाया था। महिला का कहना था कि वह मंत्री गायत्री प्रजापति से मिलने उनके आवास पर पहुंची थी। जिसके बाद मंत्री और उनके साथियों ने उसको नशा दे दिया और नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। शिकायत के बाद गायत्री प्रजापति की तरफ से परिवार को धमकी देने की बात भी सामने आई थी। परिवार को FIR दर्ज कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाना पड़ा था। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद गायत्री प्रजापति के खिलाफ गौतमपल्ली में एफआईआर हुई थी। फिर गायत्री प्रजापति और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
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