छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सशस्त्र पुलिस में तैनात रहे एक भगोड़े सिपाही (Fugitive Constable) ने खुद को मृत घोषित करने के बाद नाम बदलकर हाई स्कूल और इंटर की परीक्षा पास की। इसके बाद यूपी पुलिस में 2015 की भर्ती में सिपाही के पद पर चयनित हो गया। तीन साल तक नौकरी करने के बाद जब मथुरा में तैनाती के दौरान उसकी शिकायत हुई तो जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ गया। अब भर्ती बोर्ड ने लखनऊ के हुसैनगंज थाने में आरोपी युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
एसपी के पास पहंचा था गुमनाम शिकायती पत्र
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के अपर पुलिस अधीक्षक आलोक कुमार जायसवाल की ओर से हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर के मुताबिक, मथुरा के राया थाना क्षेत्र निवासी मनोज कुमार वर्ष 2015 पुलिस भर्ती में आरक्षी के पद पर चयनित हुआ था।
वर्ष 2018 में मथुरा एसपी के पास गुमनाम शिकायती पत्र पहुंचा था, जिसमें बताया गया था कि आरक्षी मनोज कुमार छत्तीसगढ़ पुलिस का भगोड़ा सिपाही है। जिसका असली नाम सुमित कुमार है। छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस में उसकी भर्ती इसी नाम से हुई थी। भगौड़ा घोषित होने के बाद सुमित (मनोज) ने खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और छत्तीसगढ़ में खुद को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद नए नाम से यूपी पुलिस में नौकरी कर ली।
जांच में सही पाए गए आरोप
छत्तीसगढ़ से उत्तर प्रदेश आने के बाद उसने मनोज कुमार के नाम से हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं पास कीं। इसके बाद 2015 में यूपी पुलिस की सिपाही भर्ती में शामिल हुआ और मेरिट के आधार पर चयनित हो गया। मथुरा एसपी को शिकायती पत्र मिलने के बाद दो सदस्यीय कमेटी बना कर विभागीय जांच करवाई गई तो आरोप सही पाए गए।
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इसके आधार पर पिछले वर्ष उसकी भर्ती को निरस्त कर दिया गया और अब भर्ती बोर्ड ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर इस्तेमाल करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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