योगी सरकार बनते ही UP में ‘ऑपरेशन माफिया’ ने पकड़ी रफ्तार, मुख्तार अंसारी और उसके 12 साथियों पर लगा गैंगस्टर एक्ट

योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार बनते ही उत्तर प्रदेश में ‘ऑपरेशन माफिया’ ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है. मेरठ, सीतापुर, उन्नाव में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उसके 12 साथियों पर बाराबंकी पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट लगाया है. मुख्तार अंसारी के खिलाफ बाराबंकी जिले में यह दूसरा मुकदमा है. गैंगस्टर के मुकदमे में मऊ, गाजीपुर, लखनऊ और प्रयागराज के 12 दूसरे लोगों को भी नामजद किया गया है. यह सभी आरोपी बहुचर्चित मुख्तार अंसारी एंबुलेंस मामले में जेल भेजे जा चुके हैं.

गाजीपुर जिले के मूल निवासी और मऊ से पूर्व विधायक माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पर यह मुकदमा बाराबंकी नगर की नगर कोतवाली के कोतवाल सुरेश पांडेय ने लिखाया है. इसमें मऊ जिले के बलियामऊ मोड़ पर स्थित श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर की संचालिका डॉ. अलका राय, डा. शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, आनंद यादव, सुरेंद्र शर्मा, मो. शाहिद, फिरोज कुरैशी, अफरोज उर्फ चुन्नू, जफर उर्फ चंदा, सलीम, प्रयागराज के मो. सुहैब मुजाहिद और लखनऊ के मो. जाफरी उर्फ शाहिद शामिल हैं.

जानें क्या है एम्बुलेंस मामला ?

एम्बुलेंस मामला मार्च 2021 में चर्चा में आया था जब तत्कालीन विधायक अलका राय ने मुख़्तार की पेशी के दौरान इस्तेमाल किए गए एम्बुलेंस की फोटो ट्वीट की थी. जब ये मामला प्रकाश में आया तब जांच में पता चला कि मुख्तार जब पंजाब जेल में बंद था, उस समय पेशी के दौरान वो निजी एम्बुलेंस का प्रयोग करता था. ये एम्बुलेंस बाराबंकी आरटीओ में पंजीकृत करवाई गई थी, जिसका नंबर UP 42 AT 7171 था और मकान का पता रफीकनगर मोहल्ले का मकान नंबर 56 दर्शाया गया था. जांच में पता चला कि वह पर कोई मकान ही नहीं था. मुख़्तार द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एम्बुलेंस का फिटनेस तक मार्च 2017 के बाद से नहीं था.

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