उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में ऐसा मामला सामने आया है जिसने पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े कर दिये हैं। यही वजह है कि कोर्ट ने ट्रोनिका सिटी थाने के पूर्व इंचार्ज और एसएसआई समेत कई अज्ञात पुलिसकर्मियों पर कस्टडी के दौरान हत्या और हड्डी तोड़ने का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
गुंडों के कहने पर महिला को उठा ले गए थाना इंचार्ज
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद कोर्ट ने ट्रोनिका सिटी के तत्कालीन थाना इंचार्ज श्यामवीर सिंह और तत्कालीन ड्यूटी इंचार्ज सीनियर सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह कुछ अज्ञात पुलिसकर्मियों और गुंडों के खिलाफ धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
दरअसल, पूरा मामला 13 मई 2018 का है। सूत्रों का कहना है कि ट्रोनिका सिटी थाना इंचार्ज श्यामवीर सिंह ने इलाके के कुछ गुंडों के कहने पर सरिता नाम की महिला को हिरासत में लिया और उसे थाने ले जाकर पीटा। महिला के साथ इतनी मारपीट की गई कि उसकी कई हड्डियां तक टूट गईं।
यही नहीं, इसके बाद इलाके के कुछ गुंडें थाने पहुंचे और महिला को जबरन थाने से उठा ले गए। इसके बाद आरोपियों ने महिला को जहरीली शराब पिलाई और फिर वापस थाने में लाकर छोड़ दिया।
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वहीं, इस दौरान अपना जुर्म छिपाने के लिए थाना इंचार्ज श्यामवीर सिंह ने महिला को फर्जी दस्तावेज लगाकर कोर्ट में पेश करके जेल पहुंचाने की भी कोशिश की, लेकिन जेल में महिला की हालत को देखकर जेलर ने महिला को अस्पताल भेजने की हिदायत दे दी। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में महिला की मौत हो गई।
पीड़िता की बेटी ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
सूत्रों के मुताबिक, महिला की बेटी को जब पता चला की उसकी मां की मौत हो गई है तो उसने कातिलों पर मुकदमा दर्ज कराने की कवायद शुरू कर दी। लेकिन आरोपी पुलिसकर्मियों और इलाके के गुंडों पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
जिसके बाद पीड़िता की बेटी ने अपनी मां को इंसाफ दिलाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। गाजियाबाद कोर्ट ने इस मामले में धारा 302 के अलावा हड्डी तोड़ने और जबरन अल्कोहल पिलाने का मामला दर्ज किया जाने का आदेश दिया है।
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