गोरखपुर एक्सप्रेसवे से बदलेगा भविष्य ,पूर्वांचल को विकास की रफ्तार

उत्तर प्रदेश सरकार की बुनियादी ढांचे पर केंद्रित विकास नीति को आज एक और ठोस आधार मिला है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार, 20 जून को बहुप्रतीक्षित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण कर दिया। यह महत्त्वपूर्ण परियोजना न सिर्फ पूर्वांचल की कनेक्टिविटी को सशक्त बनाएगी, बल्कि क्षेत्रीय औद्योगीकरण और सामाजिक समावेशन की प्रक्रिया को भी गति देगी।

एक्सप्रेसवे भी विकास की बहार भी

गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ चार जिलों को जोड़ने वाला यह 91.35 किमी लंबा चार लेन का एक्सप्रेसवे अब पूर्वांचल को सीधे राजधानी लखनऊ से जोड़ता है । यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर के जैतपुर से शुरू होकर आजमगढ़ के सालारपुर में पुरवांचल एक्सप्रेसवे से जुड़ता है।

सीधे लखनऊ से विकाश की लहर

पारंपरिक तौर पर इन जिलों को विकास के नक्शे पर पिछड़ा माना जाता रहा है। लेकिन अब यह सड़क उन्हें सीधे राजधानी लखनऊ और राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारों से जोड़ेगी। पहले जहाँ गोरखपुर से लखनऊ तक का सफर 6 घंटे से ज़्यादा लेता था, अब यही दूरी 3 से 3.5 घंटे में तय होगी। यह परिवर्तन महज़ भौगोलिक नहीं, आर्थिक और सामाजिक भी है

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स्विट्जरलैंड तकनीक का प्रयोग

गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को एक स्मार्ट और सुरक्षित कॉरिडोर के रूप में तैयार किया गया है। स्विट्ज़रलैंड की तकनीक के माध्यम से सड़क की गुणवत्ता और संरचना की निगरानी सुनिश्चित की गई है। हर 45 किमी पर एंबुलेंस, क्रेन, हाइड्रा तैनात होंगे। CCTV, स्पीड कैमरे और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर इस परियोजना को यूपी के सबसे हाईटेक एक्सप्रेसवे में से एक बनाते हैं।

रोजगार का बड़ा अवसर

यह एक्सप्रेसवे अकेले यातायात की सुविधा तक सीमित नहीं है। इसके किनारे विकसित किया जा रहा ‘ग्रेटर GIDA’ औद्योगिक टाउनशिप, पूर्वांचल के युवाओं के लिए रोज़गार के नए द्वार खोलेगा। करीब 5500 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले इस क्षेत्र में अडानी, श्री सीमेंट, केयान डिस्टिलरी जैसी कंपनियों ने निवेश की रुचि दिखाई है।

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योगी आदित्यनाथ का संदेश

लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंच से कई महत्वपूर्ण बातें कहीं उन्होंने कहा की “इस एक्सप्रेसवे के निर्माण में जुटे श्रमिक सिर्फ मज़दूर नहीं, राष्ट्र निर्माता हैं।” यह कथन उस नई राजनीतिक दृष्टि को दिखाता है जिसमें ‘विकास’ को आंकड़ों से निकालकर मानवीय प्रयास और समर्पण के रूप में को भी दिखता है ।

Input- Ram Krishna Shukla