बरसाने से कम नहीं है ‘गोरखपुर की होली’, CM योगी खुद करते हैं रंग भरी शोभा यात्रा की अगुआई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गुरुवार शाम गोरखपुर में ‘होलिका दहन’ (Gorakhpur Holi) और शनिवार को भगवान नरसिंह होलिकोत्सव शोभा यात्रा का नेतृत्व करेंगे. ये आयोजन पिछले दो वर्षों में महामारी के कारण नहीं हुए थे. योगी आदित्यनाथ तीन दिवसीय दौरे पर गुरुवार शाम गोरखपुर पहुंचेंगे.

क्यों खास है ये होली
हर साल रंगों से सराबोर गोरक्ष पीठ के मुखिया भगवान नरसिंह रथ की सवारी करते हैं और नरसिंह शोभा यात्रा के दौरान बिना किसी भेदभाव के सभी को होली की शुभकामनाएं देते हैं. महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवैद्यनाथ योगी के बाद पीठ के मुखिया योगी आदित्यनाथ सामाजिक समरसता के आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं.

किसके नाम पर है शोभा यात्रा
मंदिर सचिव द्वारिका तिवारी ने कहा कि नरसिंह शोभा यात्रा का नाम भगवान नरसिंह के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने राक्षस राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था, जिसकी शुरूआत 1945 में योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ के पूर्ववर्ती महंत दिग्विजयनाथ ने की थी और तब से यह आज तक यह परंपरा जारी है.

ये होती है वेशभूषा
इस अवसर पर, योगी आदित्यनाथ एक मोटर चालित रथ पर यात्रा शुरू करने से पहले धूप का चश्मा और एक रेन कोट पहनते है. यात्रा शहर की तंग गलियों से होते हुए व्यस्त सरार्फा बाजार से होकर गुजरती है जहां स्थानीय लोगों द्वारा रंगों और गुलाब की पंखुड़ियों से उसका स्वागत किया जाता है.

5 किमी लंबी है यात्रा
जुलूस, जिसमें बड़ी संख्या में भाजपा और आरएसएस के नेता और कार्यकर्ता शामिल होते हैं, 5 किलोमीटर की दूरी तय करते हैं और मंदिर में समाप्त होती हैं. बाद में, योगी आदित्यनाथ प्रतिष्ठित नागरिकों के साथ एक समारोह में भाग लेते हैं जहां ‘फगुआ’ – पवित्र गीतों का गायन एक प्रमुख आकर्षण है.यात्रा से पहले वह ‘होलिका दहन’ में भी शामिल होते हैं. भाजपा के एक नेता ने कहा, “यही अवसर है जब भक्तों को पीठाधीश्वर के साथ रंग खेलने का सीधा मौका मिलता है.

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