उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) जनपद में चरस तस्करी में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए दारोगा रविंद्र कुमार शुक्ला (Sub Inspector Ravindra Kumar Shukla) को आईजी रेंज जे रविंद्र गौड़ ने बर्खास्त कर दिया है। इससे पहले गुरुवार को एनडीपीएस एक्ट में दारोगा के जेल भेजे जाने के बाद एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने उसे निलंबित कर दिया था। वहीं, जांच में तस्करी के आरोपी दारोगा की साठगांठ होने की पुष्टि पर एसपी महाराजगंज डॉ. कौस्तुभ ने स्वाट प्रभारी विपेंद्र मल्ल समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।
33 किलो चरस के साथ गिरफ्तार हुआ था कुलवीर
जानकारी के अनुसार, शाहपुर थाना पुलिस ने बुधवार दोपहर सम्मन सेल में तैनात दारोगा रविन्द्र शुक्ल व उसके साथी तिवारीपुर के सूर्यकुंड में रहने वाले कुलवीर को 33 किलो चरस के साथ गिरफ्तार किया। लखनऊ, आलमबाग के ओमनगर में रहने वाले वाले दारोगा व उसके साथी पर एनडीपीएस एक्ट का मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जेल भेज दिया है।
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वहीं, पूछताछ व जांच में पता चला कि महराजगंज जिले के स्वाट प्रभारी उपनिरीक्षक विपेंद्र मल्ल और मुख्य आरक्षी, आशुतोष कुमार सिंह, कृष्ण कुमार सिंह और विद्या सागर से रविन्द्र की साठगांठ थी। नेपाल से तस्करी कर लाया गया चरस गोरखपुर आने की जानकारी सभी को थी।
आईजी ने दारोगा को किया बर्खास्त
आइजी के निर्देश पर एसपी महराजगंज ने स्वाट प्रभारी समेत चारों पुलिसकर्मियों को गुरुवार की देर रात निलंबित कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी। शुक्रवार की शाम एडीजी जोन अखिल कुमार ने पूरे प्रकरण को लेकर आइजी जे. रविन्दर गौड के साथ बैठक की। चर्चा के बाद तस्करी के आरोपित दारोगा को आइजी ने बर्खास्त कर दिया।
आईजी रेंज जे रविंद्र गौड़ ने बताया कि चरस के साथ पकड़े गए दारोगा रविन्द्र कुमार शुक्ल को बर्खास्त कर दिया गया है। मामले में महराजगंज जिले के स्वाट प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध होने पर एसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच चल रही है। नेपाल से चरस लाकर शहर में बेचने वाले पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होगा, जो भी इसमें शामिल पाया जाएगा, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।