उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur) में एक महिला सिपाही (Lady Constable) को मनचाहा ट्रांसफर पाने के लिए फर्जी नेता से फोन कराना महंगा पड़ गया। डीआईजी को जब फोन कॉल पर संदेह हुआ, तो उन्होंने मामले की जांच कराई। जांच में खुलासा हुआ कि महिला सिपाही ने एक परिचित व्यक्ति को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बताकर डीआईजी को फोन करने के लिए कहा था। मामले का खुलासा होते ही गोरखपुर के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने महिला सिपाही को निलंबित कर दिया और उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
ट्रांसफर के लिए चली चाल, उल्टा पड़ा दांव
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोरखपुर पुलिस लाइन में तैनात महिला सिपाही अपना ट्रांसफर महाराजगंज जिले में कराना चाहती थी। ट्रांसफर में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए उसने अपने परिचित व्यक्ति से डीआईजी को फोन करवाया। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का पदाधिकारी बताया।
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डीआईजी को हुआ शक, खुली पोल
डीआईजी को शक हुआ तो उन्होंने तुरंत एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर को मामले की जानकारी दी। एसएसपी के आदेश पर जब फोन नंबर की जांच हुई तो सच्चाई सामने आ गई। जांच में पाया गया कि जिस व्यक्ति ने डीआईजी को फोन किया था, वह महिला सिपाही का जानकार था और उसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं था।
सस्पेंड हुई महिला सिपाही, विभागीय जांच शुरू
पूरे मामले का खुलासा होने के बाद एसएसपी ने महिला सिपाही को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया और उसके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी। सूत्रों के अनुसार, महिला सिपाही ने माफी भी मांगी, लेकिन पुलिस विभाग इस मामले को गंभीर मानते हुए उसे राहत देने के मूड में नहीं है।
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